Waqf Amendment Bill 2025: किसी के समर्थन, तो किसी के विरोध पर जमकर चर्चा छिड़ी है। यहां बात वक्फ संशोधन विधेयक के संदर्भ में हो रही है। दरअसल, जेडीयू और टीडीपी जैसे दलों का वक्फ अमेंडमेंट बिल 2025 को समर्थन देना कईयों को नागवार गुजर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार जैसे नेताओं की पैठ मुस्लिम समुदाय में भी है। ऐसे में जब AIMPLB के बैनर तले तमाम मुस्लिम संगठन Waqf Amendment Bill 2025 के विरोध में खूंटा गाड़ बैठे हैं। ऐसी स्थिति में Nitish Kumar का बिल को समर्थन देना सियासी गलियारों में सुर्खियां बटोर रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या नीतीश कुमार के इस कदम का असर बिहार विधानसभा चुनाव में हो सकता है? क्या JDU को समर्थन देने वाला मुस्लिम समुदाय प्रशांत किशोर या तेजस्वी यादव का रुख करेगा? इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं।
क्या Nitish Kumar को चुकानी पड़ेगी Waqf Amendment Bill 2025 को समर्थन देने की कीमत?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि आज देशभर में वक्फ के खिलाफ तमाम मुस्लिम संगठन सड़क पर हैं। कथित रूप से मुसलमानों का नेतृत्व करने वाले AIMPLB ने सभी राजनीतिक दलों से वक्फ अमेंडमेंट बिल 2025 का विरोध करने की अपील की है। हालांकि, नीतीश कुमार की JDU बिल के समर्थन में है। वहीं तेजस्वी यादव के नेतृत्व में RJD ने बिल के खिलाफ खूंटा गाड़ दिया है। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि यदि JDU को समर्थन देने वाले मुस्लिम संगठनों का Nitish Kumar से मोहभंग हुआ, तो बिहार सीएम को चुनावी मौसम में इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। वहीं यदि तय फीसदी में मुसलमान बिरादरी पहले की तरह ही JDU से सटी रही, तो Waqf Amendment Bill 2025 को समर्थन देने से भी नीतीश कुमार की साख पर बिल्कुल असर नहीं पड़ेगा।
बिहार चुनाव में नीतीश कुमार को कितना हो सकता है नफा-नुकसान?
नफा या नुकसान होना, तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन ये लगभग तय है कि बिहार चुनाव के दौरान वक्फ अमेंडमेंट बिल 2025 की गूंज रहेगी। एक ओर BJP मजबूती से इस बिल का जिक्र कर हिदू मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश करेगी, तो वहीं तेजस्वी यादव मुसलमानों इस बिल का विरोध करेंगे। अब Nitish Kumar की स्थिति क्या होगी ये देखना दिलचस्प होगा। दरअसल, बिहार में लगभग 18 फीसदी के करीब मुस्लिम मतदाता हैं। वहीं 243 में से 47 ऐसी विधानसभा सीटे हैं, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका मे हैं।
ऐसे में यदि Waqf Amendment Bill 2025 को लेकर मुसलमानों का रुख बदला, तो वे महागठबंधन के पाले में जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में तेजस्वी यादव को फायदा होने की संभावना है। वहीं अगर मुसलमान पहले की भांति ही तय प्रतिशत में JDU को समर्थन देना जारी रखेंगे, तो बिहार चुनाव में नीतीश कुमार की मजबूती बरकरार रह सकती है। फिलहाल सब कुछ भविष्य के गर्भ में है और इंतजार है चुनाव का, ताकि तस्वीर साफ हो सके और दूध का दूध व पानी का पानी हो जाए।