BPSC Protest: शर्द मौसम में सड़कों पर कोहरा होने के बावजूद गांधी मैदान में छात्रों की हुंकार कम होने का नाम नही ले रही। बीपीएससी प्रोटेस्ट में शामिल अभ्यर्थियों को प्रशांत किशोर, तेजस्वी यादव और पप्पू यादव जैसे दिग्गजों ने खुला समर्थन दिया है। आज सीमांचल में BPSC Re-Exam की गूंज जोरों पर है। Pappu Yadav के समर्थक सड़क पर चक्का जाम कर अभ्यर्थियों की मांग को समर्थन दे रहे हैं। Prashant Kishor पटना में बैठकर दोबारा परीक्षा कराने की मांग पर अड़े हैं। BPSC Protest देखते ही देखते बिहार सरकार के लिए चुनौती बनता नजर आ रहा है। दोबारा परीक्षा कराने की मांग Nitish Kumar की मुश्किलें बढ़ाती जा रही है। बिहार सरकार ने स्पष्ट किया है कि आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और वो निर्णय लेने में सक्षम है। ऐसे में सबकी निगाहें इसी पर टिकी हैं कि बीपीएससी प्रोटेस्ट के बीच आयोग क्या फैसला लेता है।
BPSC Protest के समर्थन में सड़क पर उतरे MP Pappu Yadav के समर्थक!
सीमांचल में स्थित पूर्णिया से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे पप्पू यादव के समर्थक आज बीपीएससी प्रोटेस्ट के समर्थ में सड़क पर उतर गए हैं। सीमांचल में स्थित अररिया में सांसद Pappu Yadav के समर्थकों ने आज सड़क जाम कर दी जिससे वाहनों की लंबी कतार लग गई। सांसद समर्थकों ने सड़क पर आगजनी कर बिहार सरकार के रवैये का विरोध किया है। पप्पू यादव के साथ उनके सभी समर्थक BPSC Protest को जायज ठहराते हुए दोबारा परीक्षा कराने की मांग पर अड़े हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले धधक रही प्रदर्शन की आग को लेकर पप्पू यादव का कहना है कि “बिहार और पूरा देश छात्रों को लेकर बहुत चिंतित है। यह लड़ाई सिर्फ BPSC की नहीं है। यह 13 करोड़ लोगों के बच्चों के भविष्य की लड़ाई है। राजनेता, कोचिंग माफिया और अधिकारियों ने मिलकर उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी है। 1988-89 से लेकर आज तक पेपर लीक का सिलसिला जारी है, इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।”
बीपीएससी प्रोटेस्ट के समर्थन में Prashant Kishor का आमरण अनशन!
पटना के गांधी मैदान में BPSC Protest में शामिल छात्रों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर का कहना है कि “यह विरोध जारी रहेगा। मैं पिछले ढाई साल से बिहार में काम कर रहा हूं, राजनीति नहीं करूंगा तो क्या करूंगा? आप किसी को मारो और मैं बैठा हूं, यहां उनके समर्थन में और फिर आप इसे राजनीति कहते हैं, तो मैं राजनीति कर रहा हूं। नीतीश कुमार काम नहीं करना चाहते हैं। वह केवल सत्ता में रहना चाहते हैं और यही कारण है कि उन्होंने बिहार के लोगों की मदद नहीं की। कोविड काल में उन्हें अन्य चीजों की नहीं बल्कि सिर्फ चिंता थी सत्ता में बने रहने की।” Prashant Kishor ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक आयोग बीपीएससी प्रोटेस्ट को लेकर अपना रुख नहीं स्पष्ट करता, अनशन जारी रहेगा।
Re-Exam की मांग को लेकर मुश्किलों में Nitish Kumar!
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले BPSC Protest उनकी छवि पर बड़ा डेंट लगाने का काम कर सकता है। छात्रों की मांग है कि आयोग प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दोबारा परीक्षा कराए। यदि आयोग छात्रों की मांग मानता है तो भी Nitish Kumar की सरकार सवालों के घेरे में आएगी और यदि मांग नहीं मानी जाती है तो NDA सरकार को छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार फिलहाल संशय में है और बीपीएससी प्रोटेस्ट की गूंज उनकी मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ाने का काम कर रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि बिहार लोक सेवा आयोग निकट भविष्य में बीपीएससी प्रोटेस्ट को लेकर क्या फैसला लेता है।