Justice Surya Kant: नवंबर का अंतिम सप्ताह मौजूदा सीजेआई बी गवई के लिहाज से बेहद अहम होने वाला है। दरअसल, 23 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में देश को नया सीजेआई मिलेगा जिसको लेकर कई सीनियर जजों का नाम रेस में होने की बात कही जा रही है।
इसी क्रम में मौजूदा सीजेआई बी गवई ने स्पष्ट तौर पर अपने उत्तराधिकारी का नाम ऐलान कर दिया है। बी गवई ने जस्टिस सूर्य कांत के नाम की सिफारिश करते हुए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है। ऐसे में ये लगभग स्पष्ट है कि जस्टिस सूर्य कांत देश के अगले सीजेआई होंगे। केन्द्र द्वारा सीजेआई गवई की सिफारिश को मंजूरी मिलने के साथ ही जस्टिस सूर्य कांत के नाम पर आधिकारिक मुहर लग जाएगी।
चीफ जस्टिस गवई के बाद कौन संभालेगा कार्यभार?
इसको लेकर अभी आधिकारीक पुष्टि होना बाकी है। हालांकि, पुराने परंपरा के मुताबिक मौजूदा सीजेआई बी गवई ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस सूर्य कांत के नाम की सिफारिश की है। केन्द्र सरकार को भेजे गए पत्र में जस्टिस गवई ने अगले सीजेआई के लिए जस्टिस सूर्य कांत का नाम सुझाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जस्टिस सूर्य कांत भूषण गवई के बाद कार्यभार संभालेंगे और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।
देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश होंगे Justice Surya Kant?
यदि केन्द्र द्वारा जस्टिस गवई की सिफारिश स्वीकार ली जाती है, तो जस्टिस सूर्य कांत देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जस्टिस सूर्य कांत 24 नवंबर, 2025 को 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले सकते हैं। 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार में जन्मे जस्टिस सूर्य कांत सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों में से एक हैं। यदि वे 24 नवंबर को सीजेआई बनते हैं, तो 9 फरवरी, 2027 तक उनका कार्यकाल रहेगा।
गौरतलब है कि हिसार की जिला अदालत से प्रैक्टिस करते हुए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट और फिर हिमाचल हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जस्टिस सूर्य कांत कई अधिवक्ताओं के लिए नजीर हैं। उनका संघर्ष दर्शाता है कि कैसे उन्होंने अपना लक्ष्य पाने के लिए किसी से समझौता नहीं किया और अब अंतत: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने की राह पर खड़े हैं।






