Rahul Gandhi: सियासी चक्रव्यू में विपक्षी खेमे के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी भी फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, यूपी के चर्चित जिले संभल में स्थित एक कोर्ट ने राहुल गांधी के नाम नोटिस जारी किया है। पूरा माजरा उनके एक बयान से जुड़ा है जिसमें नेता प्रतिपक्ष ने ‘इंडियन स्टेट’ का जिक्र किया था। Congress लीगल सेल के लिए मुश्किलें फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। संभल कोर्ट की ओर से स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि Rahul Gandhi अगले 4 अप्रैल को या तो अदालत में पेश हों या फिर अपना जवाब दाखिल करें। अब देखना दिलचस्प होगा कि 4 अप्रैल, 2025 को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा क्या कदम उठाया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष Rahul Gandhi को संभल कोर्ट का समन
राजनीतिक गलियारों में नीतीश कुमार ही नहीं, बल्कि राहुल गांधी भी सुर्खियों का विषय बने हैं। दरअसल, संभल की एक स्थानीय अदालत ने हिंदू शक्ति दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता द्वारा दायर याचिका के आधार पर उन्हें नोटिस जारी की है। Sambhal Court की ओर से स्पष्ट किया गया है कि Rahul Gandhi अगले 4 अप्रैल को अदालत में पेश हों या फिर अपना जवाब दाखिल करें। अदालत की इस नोटिस पर राहुल गांधी या फिर Congress लीगल सेल की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है।
हालांकि, बीजेपी ने मौके पर चौका जड़ते हुए राहुल गांधी पर निशाना जरूर साध लिया है। BJP सांसद दिनेश शर्मा का कहना है कि “किसी राजनेता या सामाजिक क्षेत्र के व्यक्ति द्वारा दिए गए बयानों का समाज पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। पिछले कुछ दिनों से कुछ ऐसे बयान आ रहे हैं, जिनकी वजह से हिंसक घटनाएं हुई हैं। यह चिंताजनक है और अगर कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया है, तो वह इससे सबक जरूर सीखेंगे।” बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया और संभल कोर्ट की नोटिस ने कांग्रेस की चिंता के साथ-साथ सियासी गलियारों का पारा भी बढ़ा दिया है।
राहुल गांधी के बयान से छिड़ा था सियासी संग्राम
बता दें कि Rahul Gandhi ने कांग्रेस के नए दफ्तर के उद्घाटन सत्र के दौरान इंडियन स्टेट का जिक्र किया था। उन्होंने 15 जनवरी को कहा था कि “हमारी लड़ाई सिर्फ भाजपा तथा RSS से नहीं, बल्कि ‘इंडियन स्टेट’ (भारतीय राज व्यवस्था) से भी है।” राहुल गांधी के इस बयान के बाद मानों सवालों के अंबार लगने शुरू हो गए थे। BJP, TDP, JDU, JLP (R) समेत एनडीए के कई घटक दलों ने इसके बाद नेता प्रतिपक्ष को निशाने पर लिया था। फिलहाल अब मामला संभल कोर्ट में है, तो सबकी निगाहें 4 अप्रैल को होने वाली सुनवाई पर टिकी रहेंगी।