गुरूवार, अप्रैल 25, 2024
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ग्रीन कवर बढ़ाकर प्रदूषण पर चोट कर रही दिल्ली सरकार, CM Arvind Kejriwal ने की विशाल पौधारोपण अभियान की शुरूआत

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CM Arvind Kejriwal: केजरीवाल सरकार दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाकर प्रदूषण पर लगातार चोट कर रही है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज शास्त्री पार्क के बेला फार्म में विशाल पौधारोपण अभियान की शुरूआत की। उन्होंने दिल्लीवालों के साथ मिलकर विभिन्न औषधीय प्रजाति के 20 हजार पौधे लगाए। जिसमें अर्जुन, शीशम, जामुन, गूलर, कदम, कटहल, गुलमोहर, अमलताश, बरगद, पीपल, पिलखन समेत अन्य पौधे शामिल हैं। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सीएम अरविंद केजरीवाल ने विशाल पौधारोपण अभियान की शुरूआत करते हुए कहा कि दिल्लीवालों के सहयोग से दुनिया की 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में दूसरे नंबर रहने वाली दिल्ली अब इससे बाहर हो चुकी है। अब में दिल्ली को दुनिया के 10 सबसे साफ शहरों की सूची में लाने के लिए काम करना है। दुनिया भर के शहरों में विकास के लिए पेड़ काटे जाने के कारण उनका ग्रीन कवर कम हुआ है, लेकिन दिल्ली में वृक्षारोपण की सफलता के चलते ग्रीन कवर बढ़ रहा है। 2011 में दिल्ली का ग्रीन कवर 20 फीसद था, जो अब 23 फीसद हो गया है। पिछले साल दिल्ली सरकार का लक्ष्य 42 लाख पौधे लगाने का था लेकिन हमने 45 लाख पौधे लगाए। वहीं, इस साल 52 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

दिल्ली की जनता के सहयोग से हम पौधारोपण के इतने बड़े लक्ष्य को हासिल कर पा रहे हैं- अरविंद केजरीवाल

शात्री पार्क स्थित बेला फार्म में आयोजित वृक्षारोपण समारोह में बतौर मुख्य अतिथ सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हम इस साल के वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरूआत कर रहे हैं। इससे पहले, हर वर्ष हम बारिश के मौसम में जून-जुलाई में शुरू किया करते थे। लेकिन इस बार हमने अपना लक्ष्य बहुत बड़ा रखा है कि अगर हमने रोज काम नहीं किया, तो वो लक्ष्य पूरा नहीं होगा। पिछली बार का लक्ष्य भी बहुत बड़ा था और हम लोगों ने मिलकर उसे पूरा किया। इस बार का लक्ष्य पिछले साल की तुलना में बड़ा रखा है। इस पूरे कार्यक्रम में दिल्ली की जनता का पूरा समर्थन है, इसलिए हम इसे कर पा रहे हैं। दिल्ली की जनता चाहती है कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं और आगे बढ़-चढ़ कर पौधारोपण करती है।

पिछले 7-8 साल में दिल्लीवालों ने खूब मेहनत की और हम दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची से बाहर हो गए- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने आंकड़ों के जरिए अपनी बात रखते हुए कहा कि पहले दिल्ली दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में आता था और दुनिया का पहला या दूसरा सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली होता था। पिछले 7-8 साल में दिल्ली की जनता ने मिलकर मेहनत की और यह खुश की बात है कि अब दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली का नाम नहीं आता है। दिल्ली के ऊपर जो दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर होने का काला धब्बा लगा हुआ था, उससे अब हम बाहर हो गए हैं। लेकिन अभी हमें और काम करने की जरूरत है। हमारा लक्ष्य है कि दुनिया के 10 सबसे साफ शहरों की सूची में दिल्ली का नाम आना चाहिए। अभी हम दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची से सिर्फ बाहर निकले हैं। अब हम लोगों को दुनिया के 10 सबसे साफ शहरों की सूची में आने के लिए काम करना है।

पिछले सात साल में दिल्लीवालों ने 43 वर्ग किलोमीटर अतिरिक्त जमीन पर पौधारोपण किया है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2011 में दिल्ली के अंदर 20 फीसद ग्रीन कवर होता था। यानि दिल्ली की कुल जमीन पर केवल 20 फीसद पर पेड़-पौधे होते थे। अब यह बढ़कर 23 फीसद हो गया है। हमें इसे इस परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए कि आज पूरी दुनिया के अंदर सभी बड़े-बड़े शहरों में सड़कें, बिल्डिंग समेत अन्य विकास कार्य हो रहे हैं। इसकी वजह से हर जगह बड़े स्तर पर पेड़ काटे जा रहे हैं। दिल्ली में भी विकास के लिए पेड़ कटते हैं, लेकिन दिल्ली में एक पेड़ कटता है, तो बदले में 10 पेड़ लगाते हैं। इसलिए दुनिया के सारे शहरों में ग्रीन कवर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, जबकि दिल्ली में कम होने की बजाय धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। यह इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि हमारा वृक्षारोपण का कार्यक्रम बेहद सफल है। हम जितने पौधे लगाते हैं, उनमें 80 फीसद पौधे जीवित हैं। इसी वजह से 2011 में दिल्ली में 20 फीसद ग्रीन कवर था, जो बढ़कर अब 23 फीसद हो गया है। यह पूरी दिल्ली के लिए खुश की बात है। इसी तरह 2015 में 299 वर्ग किलोमीटर जमीन के उपर पेड़ थे। आज 342 वर्ग किलोमीटर पर पेड़ हैं। पिछले 7 साल में दिल्लीवालों ने 43 वर्ग किलोमीटर अतिरिक्त जमीन पर पौधे लगाए हैं। सीएम ने आगे कहा कि पूरे देश में प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा पेड़ दिल्ली में लगे हैं। दिल्ली में प्रति व्यक्ति 9.60 वर्ग मीटर एरिया पर पेड़ है। वहीं, हैदराबाद में प्रति व्यक्ति 8.20 वर्ग मीटर एरिया पर पेड़ है। इसी तरह बेंगलुरू में 7.20, मुम्बई में 5.40, चेन्नई में 2.10 और कोलकाता में केवल 0.1 वर्ग मीटर पर पेड़ हैं। देश के सारे महानगरों से तुलना की जाए, तो दिल्ली में प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा एरिया में पेड़ हैं।

2015 में पीएम-10 325 तक होता था, जो अब घटकर 225 रह गया है, इसे और कम करना है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले साल करीब 42 लाख पौधे लगाने या बांटने का हमारा लक्ष्य था। इस लक्ष्य की अपेक्षा हमने 45 लाख पौधे लगाए थे। इस साल दिल्ली सरकार का लक्ष्य पूरी दिल्ली में 52 लाख पौधे लगाने का है। हमें उम्मीद है कि पूरी दिल्ली की जनता इसमें सहयोग व मेहनत करेगी और 52 लाख से भी अधिक पौधे लगाए जाएंगे। पेड़ लगाने से ऑक्सीजन मिलेगी और प्रदूषण कम होगा। प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने और भी कई गतिविधियां की हैं। 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और तब से लेकर आज तक दिल्ली में 30 फीसद प्रदूषण कम हुआ है। 2015 में पीएम-10 325 तक होता था। यह घटकर अब 225 रह गया है। हम इससे अभी संतुष्ट नहीं है। इसे और भी कम करना है और हम सब मिलकर इसे कम करेंगे। लेकिन यह दिखाता है कि हम सही दिशा में चल रहे हैं। पीएम-2.5 पहले 150 होता था, जो अब घटकर 100 रह गया है। पीएम-2.5 में भी 30 फीसद की कमी आई है।

दिल्ली की सड़कों और फुटपाथों को रोज धोया जाएगा, इससे प्रदूषण पर काफी असर पड़ेगा- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बहुत सारी इलेक्ट्रिक बसें आ गई हैं। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बहुत अच्छी हो गई है। इंडस्ट्री में प्रदूषण पैदा करने वाले ईंधन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब हम आने वाले समय में सड़कों पर धूल-मिट्टी की वजह से होने वाले प्रदूषण को खत्म करने जा रहे हैं। हम लोग बहुत बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिक मैकेनिकल सकिंग मशीन ले रहे हैं। इसकी मदद से प्रतिदिन सड़कों की मिट्टी को सड़क से हटाया जाएगा। साथ ही, सड़कों की धुलाई का इंतजाम किया जाएगा। प्रतिदिन सड़कें और फुटपाथ धोए जाएंगे। सड़कों के दोनों तरफ लगे पौधों पर मिट्टी जम जाती है, उसको भी धोया जाएगा। मैं समझता हूं कि इन पहलों से प्रदूषण पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा। हम देखते हैं कि अगर सड़क पर मिट्टी है और एक बस जाती है, तो उससे सारी मिट्टी ऊपर जाकर प्रदूषण पैदा कर देती है। इन कदमों से यह प्रदूषण बंद हो जाएगा। हमें सबसे ज्यादा ऊर्जा दिल्ली की जनता से मिलती है। दिल्ली की जनता का हमें इतना प्यार और समर्थन मिलता है। दिल्ली के लोग हर चीज में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, तो हम लोग भी और ऊर्जा के साथ काम करते हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “आज से दिल्ली में विशाल वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत हुई। आज यमुना के नज़दीक दिल्ली की जनता के साथ मिलकर 20 हज़ार पेड़ लगाए। हमें मिलकर दिल्ली में ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाने हैं। दिल्ली को हमें साफ़-स्वच्छ, हरा-भरा और सुंदर बनाना है।”

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हमारे लिए परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हों, लेकिन हम दिल्ली की जनता के काम करते रहेंगे- गोपाल राय

इस दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हम लोग ईको क्लब के जरिए बच्चों में पौधारोपण को लेकर लगातार जागरूकता फैला रहे हैं। पहले अखबरों में सुर्खियां होती थीं कि दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली है। मैं दिल्ली की जनता को बधाई देना चाहता हूं कि दिल्ली की जनता के प्रयास से दिल्ली दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची से बाहर आ गया है। बहुत से लोगों को लगता है कि विपरित परिस्थितियों में दिल्ली सरकार द्वारा जनता के लिए किए जा रहे कार्य प्रभावित हो जाएगा। लेकिन अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार का एक ही संकल्प है कि हम हर मुसीबतों का डटकर सामना भी करेंगे और जनहित के कार्य भी करते रहेंगे। वो हमें परेशान करते रहेंगे और हम दोगुनी ताकत से दिल्ली की जनता के लिए काम करते रहेंगे। इसी सूत्र के साथ हमारी सरकार अपना काम जारी रखेगी। विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने 10 गारंटी दी थी। इसमें एक गारंटी यह भी थी कि अगले 5 साल में दिल्ली की हरियाली बढ़ाने के लिए 2 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। उस दिशा में हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। इस साल हमने 52 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। हम दो करोड़ पौधे लगाने के लक्ष्य के करीब पहुंच गए हैं और दिल्ली की जनता के सहयोग से दो करोड़ पौधे लगाने की गारंटी को पूरा करेंगे। इसमें हम पूरी दिल्ली की जनता का सहयोग चाहते हैं।

19.9 हेक्टेयर जमीन पर लगाए गए 20 हजार पौधे

दिल्ली सरकार का ग्रीन एक्शन प्लान-2023 एक व्यापक रणनीति है, जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करना और विकास को बढ़ावा देना है। यह योजना कार्बन उत्सर्जन को कम करने, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए एक सामूहिक प्रयास है। बेला फार्म शास्त्री पार्क में इस योजना के तहत 19.9 हेक्टेयर जमीन पर 20 हजार पौधे लगाए गए।

शास्त्री पार्टी के बेला फार्म में लगाए गए पौधों की विशेषताएं

अर्जुन

अर्जुन का पौधा हृदय रोग, अस्थमा और उच्च रक्तचाप सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है। अर्जुन का पौधा एक उत्कृष्ट कार्बन सिंक है और हवा में प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।

शीशम

शीशम का पौधा तेजी से बढ़ने वाला पौधा है। यह हवा में प्रदूषण और मिट्टी के कटाव को कम करने में मदद करता है। इसकी पत्तियों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में बुखार, खांसी, सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।

जामुन

जामुन के फल और बीजों का उपयोग डायबीटीज, पाचन रोग समेत विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। जामुन के फल को भारत के कई हिस्सों में एक स्वादिष्ट व्यंजन माना जाता है। यह छाया भी प्रदान करता है और शहर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है।

गूलर

गूलर का पेड़ एक खूबसूरत पौधा है जो शहर के सौंदर्य मूल्य में इजाफा करता है। मूलर के पेड़ को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और इसे अक्सर मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों के पास लगाया जाता है।

लगेरस्तरोपमिया

लैगरस्ट्रोमिया एक कम रखरखाव वाला पौधा है और एक बार स्थापित होने के बाद न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता होती है। यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो ऐसे पेड़ लगाना चाहते हैं जिन्हें बहुत अधिक रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती है। लैगरस्ट्रोइमिया कम पानी की स्थिति में भी जीवित रह सकता है। यह कम वर्षा प्राप्त करने वाले क्षेत्रों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। चमकीले और रंगीन फूलों वाला एक सुंदर पौधा है जो शहर की सुंदरता में चार चांद लगा सकता है।

कदम

कदम के पौधे में कई औषधीय गुण होते हैं और इसका उपयोग त्वचा रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इसके बड़े और आकर्षक फूल हैं जिनका उपयोग लैंडस्केपिंग और बागवानी में किया जा सकता है।

कटहल

कटहल एक ट्रापिकल पौधा है। कटहल का फल पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है और इसे मनुष्यों और जानवरों के लिए भोजन के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। कटहल का पेड़ सूखा प्रतिरोधी पौधा है और कम पानी की स्थिति में भी जीवित रह सकता है।

गुलमोहर

गुलमोहर चमकीले और आकर्षक लाल, नारंगी और पीले फूलों वाला एक सुंदर पौधा है। गुलमोहर का पेड़ मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करता है और कार्बनिक पदार्थ जोड़कर मिट्टी की उर्वरता में सुधार करता है।

अमलताश

अमलताश का पौधा तोते, गिलहरी और मधुमक्खियों सहित विभिन्न प्रकार के पक्षियों और जानवरों के लिए आवास और भोजन प्रदान करता है। यह शहर के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है।

बरगद

बरगद के पेड़ का बहुत उच्च पारिस्थितिक मूल्य है क्योंकि यह जानवरों की विस्तृत प्रजातियों के लिए आवास और भोजन प्रदान करने में सक्षम है। यह शहरी ताप द्वीप प्रभाव को कम करने, वायु गुणवत्ता में सुधार और ध्वनि प्रदूषण को कम करने में भी मदद करता है। बरगद के पेड़ का भारत में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य है। इसे पवित्र माना जाता है और अक्सर इसे भगवान शिव से जोड़ा जाता है। दिल्ली में बहुत से लोग बरगद के पेड़ की पूजा करते हैं और उसकी छाया में पूजा करते हैं। बरगद का पेड़ दीर्घजीवी प्रजाति है और कई सौ वर्षों तक जीवित रह सकता है। यह लंबे समय तक शहर को कई लाभ प्रदान कर सकता है।

पीपल

पीपल के पेड़ को हजारों सालों से हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म में एक पवित्र पेड़ माना गया है। यह भगवान विष्णु का निवास माना जाता है, और लोग अक्सर इसकी छाया में पूजा और प्रार्थना करते हैं। पीपल का पेड़ पत्ती की एक विस्तृत छतरी वाला एक सुंदर और राजसी पेड़ है और मजबूत और टिकाऊ होता है।

गोलसरी

मौलसरी हवा से कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषकों को अवशोषित कर सकता है। यह एक बड़ा पेड़ है जो 30 मीटर तक बढ़ सकता है। इसे अक्सर सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्क और बगीचों में लगाया जाता है। दिल्ली में मोलसरी लगाने से शहर के सौंदर्य मूल्य को बढ़ाने और लोगों को प्रकृति से जोड़ने में मदद मिल सकती है।

पिलखन

पिलखान एक उत्कृष्ट वायु शुद्धिकरण संयंत्र है और हवा से कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषकों को अवशोषित कर सकता है। यह दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में सुधार लाएगा। पिलखन एक बड़ा पेड़ है जिसकी ऊंचाई 20 मीटर तक हो सकती है। यह एक मूल्यवान आवास वृक्ष है और पक्षियों और कीड़ो सहित कई वन्यजीवों के लिए आश्रय और भोजन प्रदान कर सकता है। दिल्ली में पिलखन लगाने से नए आवास बनाने और शहर में जैव विविधता बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

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Anjali Wala
Anjali Walahttp://www.dnpindiahindi.in
अंजलि वाला पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, अंजलि DNP India वेब साइट में बतौर Sub Editor काम कर रही हैं। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है।

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