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Delhi Air Pollution: जानलेवा हुई राजधानी की हवा, बवाना, रोहिणी, मुंडका समेत इन इलाकों में लगातार गंभीर श्रेणी में एक्यूआई; लागू हुईं ग्रैप-3 की पाबंदियां

Delhi Air Pollution: दिल्ली की आबोहवा लगातार दूसरे दिन 400 एक्यूआई से ऊपर रही है। हवा की इतनी खराब स्थिति में सांस लेना जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू हो गई हैं।

Delhi Air Pollution
Delhi Air Pollution, Photo Credit: Google

Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली की हवा अब सांस लेने लायक नहीं रही। जी हां, बीते कई दिनों से दिल्लीवासियों को दमघोंटू हवा में रहना पड़ रहा है। मंगलवार को भी दिल्ली की सुबह गंभीर श्रेणी में दर्ज हुई। सीपीसीबी यानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, आज सुबह 9 बजे तक दिल्ली का औसत एक्यूआई यानी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 423 दर्ज हुआ। इस दौरान दिल्ली के कई क्षेत्रों में 400 से अधिक एक्यूआई रहा। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान को लागू कर दिया गया है। इसके तहत अब कई गैर जरूरी कामों पर पाबंदियां लगा दी गई हैं।

Delhi Air Pollution से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए ये इलाके

सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली के सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाकों में बवाना में एक्यूआई 462 रहा। रोहिणी में 451, मुंडका में 450, वजीरपुर में 460, पंजाबी बाग 451, जहांगीरपुरी में 448, नेहरू नगर में 448, मथुरा रोड पर 447, द्वारका सेक्टर-8 445, और आनंद विहार पर एक्यूआई का लेवल 442 दर्ज हुआ। इसके अलावा, शादीपुर में 388, डीटीयू में 371, दिलशाद गार्डन में 293, लोधी रोड में 288, और दूसरे मॉनिटरिंग स्टेशनों ने भी मंगलवार सुबह एक्यूआई रीडिंग को “बहुत खराब” कैटेगरी में बताया।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक्यूआई का सबसे अच्छा स्तर 50 से नीचे का स्तर होता है। 100 से नीचे संतोषजनक, 100 से 200 थोड़ा प्रदूषित, 200 से 300 का लेवल खराब, 300 से 400 के बीच बहुत खराब, और 401 से 500 के मध्य गंभीर एक्यूआई रीडिंग होती है, जो कि सेहत के लिए काफी जानलेवा साबित होती है।

दिल्ली एयर प्रदूषण से लोगों को हो सकती हैं खतरनाक बीमारियां

सीपीसीबी के के अनुसार, अच्छी हवा की क्वालिटी से सेहत को बहुत कम खतरा होता है और आम लोगों पर इसका बहुत कम या बिल्कुल भी असर नहीं होता है। जब हवा की क्वालिटी को संतोषजनक माना जाता है, तो इससे बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी वाले लोगों जैसे सेंसिटिव ग्रुप्स को सांस लेने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। मगर जब हवा का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है, तो फिर लोगों के फेफड़ों पर इसका सीधा असर देखने को मिलता है। अगर हवा की ऐसी स्थिति लगातार बनी रहती है, तो लोगों को लंबे समय में कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

ग्रैप-3 के तहत इन कार्यों पर रहेगी पाबंदी

‘The Indian Express’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 की पाबंदिया लागू होने के बाद अब कुछ गैर-जरूरी कार्यों पर रोक लगा दी गई है। इसमें गैर-जरूरी निर्माण कार्य, ध्वस्तीकरण की कार्रवाई, मिट्टी की खुदाई, पाइलिंग, ओपन ट्रेंच सिस्टम से सीवर लाइन और इलेक्ट्रिक केबल बिछाने, और रेडी-मिक्स कंक्रीट बैचिंग प्लांट चलाने जैसे काम शामिल हैं।

इसके अलावा, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में सभी निजी बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल बैन हैं। साथ ही इन पाबंदियों के बीच कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड मॉडल पर काम करने की एडवाइजरी दे सकते हैं। इसके अलावा, सभी कक्षा 5वीं तक के स्कूलों को बंद करके ऑनलाइन पढ़ाई करने का निर्देश जारी हो जाता है।

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