Red Fort Blast: दिल्ली धमाकों से दहल गई है जिसको लेकर पूरे देश में रोष है। देशवासी लाल किले के निकट हुए धमाके का स्पष्ट कारण जानने और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसी बीच कई तरह के तर्क सामने आ रहे हैं जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहे हैं।
सोचिए लाल किले के निकट 10 नवंबर की शाम हुए धमाके से कुछ ही दिन पहले फरीदाबाद से लखनऊ तक 3000 किग्रा विस्फोटक (संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट) का बरामद होना, डॉ. आदिल अहमद राठर और मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी और पाकिस्तान में आसिम मुनीर का प्रमोशन। ये सारे घटनाक्रम एक संयोग मात्र हैं या कोई प्रयोग हैं। इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। रेड फोर्ट ब्लास्ट मामले की जांच टेरर एंगल से की जाएगी, जिसके बाद सभी सवालों का जवाब मिल सकेगा।
फरीदाबाद से लखनऊ तक 3000kg विस्फोटक, आतंकियों की गिरफ्तारी और पाकिस्तानी जनरल मुनीर का प्रमोशन!
ये सारे ऐसे घटनाक्रम हैं जो लाल किले के निकट हुए धमाके से कुछ ही दिन पूर्व प्रकाश में आए हैं। बीते रविवार को ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. आदिल अहमद राठर को हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। उसी दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक की बरामदगी हुई। फिर अभियान चलाकर फरीदाबाद से लखनऊ तक विस्फोटक की तलाश की गई।
इस मामले में डॉ. आदिल और मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। एक ओर भारत में ये सब हो रहा था और दूसरी ओर पाकिस्तान में मुल्ला मुनीर को पदोन्नति दी जा रही थी। आसिम मुनीर का पद संविधान संशोधन के बाद संवैधानिक हो जाएगा जिसके बाद उनका अधिकार क्षेत्र बढ़ जाएगा। ये तीनों घटनाक्रम दिल्ली धमाके से पूर्व प्रकाश में आए जिसको लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
दिल्ली में Red Fort Blast से पहले घटनाक्रम संयोग हैं या प्रयोग?
धमाकों की गूंज से जो राजधानी दिल्ली दहल उठी है उससे ठीक पहले कई ऐसे घटनाक्रम हैं जिन्होंने अपनी ओर ध्यान आकर्षित किया है। इसमें सबसे प्रमुख है फरीदाबाद से लखनऊ तक हुई विस्फोटक की बरामदगी। उसी कड़ी में कश्मीरी डॉक्टर आदिल अहमद और मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है। वहीं इस्लामाबाद में भी पाकिस्तानी आवाम के भारी विरोध के बीच आसिम मुनीर को पदोन्नति दिया जाना लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।
ये सारे ऐसे घटनाक्रम हैं जो 10 नवंबर की शाम रेड फोर्ट के निकट हुए धमाकों से पहले प्रकाश में आए हैं। यही वजह है कि इन घटनाक्रमों के संयोग या प्रयोग को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, बम धमाके की जांच एनआईए के हाथों में जा सकता है जिसके बाद रिपोर्ट आने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो सकेगा और सभी सवालों का जवाब मिलेगा।
