बुधवार, अक्टूबर 15, 2025
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Haryana Police: हरियाणा ब्यूरोक्रेसी के भीतर गुटबाजी? आईपीएस के बाद एएसआई की सुसाइड से दहल उठा पुलिस महकमा, चर्चा में छाया कांड

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Haryana Police: सियासी उठा-पटक से इतर हरियाणा के पुलिस महकमा में एक अजीब सी खलबली मची है। हरियाणा पुलिस के दो जवानों ने खुद को मौत की घाट उतार दिया है। इनमें एक आईपीएस, तो दूसरे एएसआई के पद पर तैनात है। आईपीएस वाई पूरन कुमार और एएसआई संदीप कुमार लाठर की आत्महत्या कई सवालों को जन्म दे रही है।

पूछा जा रहा है कि क्या हरियाणा ब्यूरोक्रेसी गुटबाजी का शिकार हो गई है? क्या हरियाणा पुलिस महकमा में अफसरशाही बेलगाम है? इससे इतर भी कुछ सवाल हैं जो आईपीएस और एएसआई की सुसाइड केस सामने आने के बाद उठ रहे हैं। इन तमाम सवालों से पुलिस महकमा दहल उठा है और शासन की सख्ती के बाद अंदरखाने समीक्षा होने की खबर है। ऐसे में आइए हम आपको पूरी खबर के बारे में बताने की कोशिश करते हैं।

आईपीएस के बाद एएसआई की सुसाइड से दहल उठा पुलिस महकमा

चर्चित आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या वाली गुत्थी उलझी ही थी, कि तब तक रोहतक जिले में साइबर सेल यूनिट में तैनात एएसआई संदीप कुमार लाठर की सुसाइड से जुड़ी खबर आई। इन दोनों घटनाक्रमों ने हरियाणा पुलिस महकमा को झकझोर कर रख दिया है। संदीप कुमार ने सुसाइड से पहले कथित रूप से एक वीडियो बनाया जिसमें उन्होंने दिवंगत आईपीएस वाई पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं मृतक एएसआई ने उन दो पुलिस अधिकारियों की तारीफ की है जिन पर दिवंगत आईपीएएस का परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगा रहा है। इन दोनों घटनाक्रमों के बाद हरियाणा पुलिस महकमा में तहलका मचा है और आला अधिकारी डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं।

क्या Haryana Police के भीतर पनप रही गुटबाजी?

ये बड़ा सवाल है जो पहले आईपीएएस वाई पूरन कुमार और अब एएसआई संदीप कुमार की सुसाइड केस के बाद तेजी से उठ रहा है। हालांकि, इसके संदर्भ में पुख्ता रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता। कयास की सुई इसलिए घूम रही है क्योंकि पिछले मंगलवार को वाई पूरन कुमार ने पुलिस विभाग के कई आला अफसरों पर गुटबाजी का आरोप लगाते हुए खुद को मौत की घाट उतार दिया था।

वहीं इस मंगलवार को एएसआई संदीप कुमार ने कथित रूप से उन्हीं अफसरों का बचाव करते हुए सुसाइड किया। ये दोनों घटनाक्रम कहीं ना कहीं हरियाणा पुलिस महकमा के भीतर पनप रही गुटबाजी की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, वास्तविकता क्या है ये तो पुख्ता जांच के बाद ही पता चल सकता है। इसके लिए शासन की रिपोर्ट का इंतजार करना ही एकमात्र विकल्प है, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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