International Women’s Day 2025: यहां बात होगी महिलाओं की, जिन्होंने समय के साथ खुद को अपडेट किया और आज नया इतिहास लिखकर देश को गौरवान्वित महसूस कराने का मौका दे रही हैं। इंटरनेशनल वीमेन्स डे 2025 के अवसर पर सोशल मीडिया से लेकर कई मीडिया प्लेटफॉर्म तक महिलाओं की तारीफ में कसीदे गढ़ रहे हैं। उनकी संघर्ष और उपलब्धि की व्याख्या की जा रही है। इसी क्रम में हम भी International Women’s Day 2025 पर आपके लिए खास पेशकश लाए हैं। आज के दिन हम आपको बताएंगे कि कैसे महिलाएं उद्यम जगत के पन्ने में अपना नाम दर्ज कराकर, टेक्नोलॉजी से लेकर हेल्थ केयर तक जैसे क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं।
International Women’s Day 2025 पर भारत की शीर्ष महिला उद्यमियों के बारे में जानें।
रोशनी नादर- राजधानी दिल्ली में जन्मीं और यहीं पली-बढ़ीं रोशनी नादर, HCL टेक्नोलॉजी में अध्यक्ष रहे शिव नादर की बेटी हैं। दिल्ली के वसंत वैली स्कूल से निकली इस लड़की ने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से होते हुए देश-दुनिया में अपना छाप छोड़ दिया। केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद रोशनी नादर ने कई कंपनियों में निर्माता के रूप में काम किया। अंतत: उनके पिता शिव नादर के पद छोड़ने के बाद रोशनी HCL Technology की चेयरपर्सन बनीं।
राधिका घई अग्रवाल- शॉपक्लूज आज देश-दुनिया में अपने पैर पसार रहा है। इसकी नींव राधिका घई अग्रवाल ने वर्ष 2011 में रखी थी। इस यूनिकॉर्न स्टार्टअप ने टियर-2 और टियर-3 शहरों के लिए किफायती ऑनलाइन शॉपिंग की शुरुआत की जिसने मध्य स्तरीय परिवार के लोगों की जिंदगी बदल दी। राधिका घई अग्रवाल के प्रयासों ने तकनीकी उद्यमिता में महिलाओं को खूब प्रेरित किया जिसके परिणामस्वरूप आज हजारों महिलाएं उद्यम जगत को विस्तार दे रही हैं।
किरण मजूमदार-शॉ- इस फेहरिस्त में तीसरा नाम है किरण मजूमदार-शॉ का। किरण मजूमदार शॉ ने हेल्थ सेक्टर में बड़ा काम करते हुए 1978 में महज 10000 रुपए की पूंजी के साथ बायोकॉन की नींव रखी थी। आज बायोकॉन सस्ती इंसुलिन और कैंसर की दवाइयों का उत्पादन कर लाखों लोगों के लिए जीवनरक्षक बना है।
ग़ज़ल अलघ- स्कीन केयर के प्रति यदि आप तनिक भी दिलचस्पी रखते हैं तो ये नाम आपे जरूर सुना होगा। ग़ज़ल अलघ ने अपने बेटे के लिए रसायन-मुक्त शिशु देखभाल उत्पादों को खोजने के लिए 2016 में मामाअर्थ की स्थापना की। प्राकृतिक और पर्यावरण-अनुकूल वस्तुओं से मिलकर बनने वाले उत्पादों को उन्होंने प्रमोट किया और आज मामाअर्थ का मूल्यांकन 1 बिलियन डॉलर से अधिक है।
विनीता सिंह और अदिति गुप्ता ने भारत को ऐसे दी नई दिशा
विनीता सिंह- इस फेहरिस्त में शुगर कॉस्मेटिक्स की सीईओ विनीता सिंह का नाम भी जुड़ता है। विनिता सिंह ने घरेलू सौंदर्य ब्रांडों को बढ़ावा देने की दिशा में काम करते हुए शुगर कॉस्मेटिक्स की स्थापना की। आज ये ब्रांड दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है। विनीता सिंह के प्रयासों ने महिला उद्यमियों को और सशक्त बनाया है और भारत को नई दिशा दी है।
अदिति गुप्ता- मेंस्ट्रूपीडिया जैसे मंच की स्थापना कर अदिति गुप्ता ने देश-दुनिया में ऐसी छाप छोड़ी, जिसे करोड़ों महिलाओं का समर्थन मिला। मासिक धर्म से जुड़ी रुढ़ीवादी विचारों का सामना करने वाले अदिति गुप्ता ने कई वर्जनाओं को तोड़ा। उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म मेंस्ट्रूपीडिया की मदद से युवतियों को बेहतर स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करते हुए उन्हें सशक्त करने का काम किया।
फाल्गुनी नायर- भारत की सबसे प्रभावशाली महिला उद्यमी के रूप में जानी जाने वालीं फाल्गुनी नायर ने देश का पहला सौंदर्य ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म नायका बनाया। नायका ने उपभोक्ताओं के सौंदर्य प्रसाधन खरीदने के तरीके में क्रांति ला दी जिसके परिणामस्वरूप आज फाल्गुनी नायर भारत की सबसे धनी महिला अरबपति बन गई हैं।
इन महिलाओं ने अपने हिस्से की संघर्ष और परिश्रम के बदौलत देश-दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ दी है और आज भारत को नई ऊंचाई देने का काम कर रही हैं।