Wednesday, January 15, 2025
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‘358 मीट्रिक टन खतरनाक कचरा..’, Bhopal Gas Tragedy के जहरीले कचरे हटाने पर CM Mohan Yadav ने दी प्रतिक्रिया; क्यों हो रहा विरोध

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MP News: मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले की जांच के दौरान लोकायुक्त पुलिस में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए हैं। पूर्व आरटीओ कांस्टेबल व रियल एस्टेट डेवलपर सौरभ शर्मा के खिलाफ चल रही जांच के बीच लोकायुक्त में 60 से अधिक अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया है।

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Atal Bihari Vajpayee: 'बाधाएं आती हैं आएं, घिरें प्रलय की घोर घटाएं, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, निज हाथों में हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा। कदम मिलाकर चलना होगा।' ये पंक्तियां पूर्व पीएम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) द्वारा रची गई थीं।

Bhopal Gas Tragedy: मध्य प्रदेश के भोपाल में हुए 40 साल पहले भंयकर गैस त्रासदी जिसे भोपाल गैस त्रासदी के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि इस दौरान कई हजार लोगों की मौत हो गई थी। इसी बीच Bhopal Gas Tragedy के 40 साल पूरा होने पर एमपी के सीएम ने इसे लेकर अहम जानकारी दी है। गौरतलब है कि अभी तक कई टन जहरीला कचरा भोपाल से हटा दिया गया है। इसकी जानकारी खुद CM Mohan Yadav ने दी है।

Bhopal Gas Tragedy के जहरीले कचरे पर क्या बोले CM Mohan Yadav

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के Bhopal में हुए भोपाल गैस त्रासदी के पूरे 40 साल बीत चुके है हालांकि अभी भी कई टन कचरा वहां मौजूद था, जिसे लेकर सीएम मोहन यादव ने जानकारी दी है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “40 साल पहले एक दुर्घटना घटी जिसे में दोहराना नहीं चाहूंगा। भोपाल से यूनियन कार्बाइड का लगभग 358 मीट्रिक टन खतरनाक कचरा हटा दिया गया है।

पिछले 40 साल से भोपाल के लोग इसी कचरे के साथ जी रहे थे. भारत सरकार के कई संगठन इस जहरीले कचरे के निपटान में शामिल थे। इस जहरीले कचरे के निपटान से कोई पर्यावरणीय प्रभाव नहीं पड़ा है। पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्वक संपन्न हुई। हमारा यह भी प्रयास है कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न हो”।

भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे पर क्यों हो रहा है विरोध

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक Bhopal Gas Tragedy के जहरीले कचरे को बीते दिन यानि 1 जनवरी 2025 को 12 सीलबंद कंटेनर ट्रकों में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 250 किमी दूर स्थित धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ले जाया गया। इसी बीच कुछ स्थानीय कार्यकर्ता इसका विरोध कर रहे है, उनका कहना है कि 2015 में पीथमपुर में परीक्षण के आधार पर 10 टन यूनियन कार्बाइड कचरे को जला दिया गया था, जिसके बाद आसपास के गांवों में मिट्टी, भूमिगत जल और जल स्रोत प्रदूषित हो गए। हालांकि CM Mohan Yadav ने साफ कहा कि पीथमपुर में कचरे का निपटान करने का निर्णय 2015 के परीक्षण की रिपोर्ट और सभी आपत्तियों की जांच के बाद ही लिया गया था।

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