Manav Sharma: पहले Atul Subhash और अब मानव शर्मा दोनों मामले ने देशभर में खलबली मजा दी और मर्द प्रजाति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। क्या देश में उनके लिए कानून नहीं है। दोनों ही मामले ने काफी तूल पकड़ा और इस बारे में लोग बातें भी बनाते हुए दिखे। आखिर शादी के बाद ऐसा क्या हो जाता है जिसकी वजह से मर्द इस तरह के कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। अतुल सुभाष और Manav Sharma के मामले से निश्चित तौर पर ये चीजें सोचने के लिए लोगों को मजबूर कर रही है।
Atul Subhash के बाद Manav Sharma भी बने उदाहरण
अतुल सुभाष से हटके अगर मानव शर्मा की बात करें तो फिलहाल टीसीएस रिक्रूटमेंट मैनेजर की मौत को लेकर गहन चर्चा जारी है। इस मामले की बात करें तो आपसी सामंजस्य से Manav Sharma और पत्नी निकिता शर्मा तलाक लेने के लिए राजी थे लेकिन इस बारे में तमाम तरह की बातें बनाई जा रही है। मौत से पहले मानव शर्मा ने एक वीडियो को जारी करते हुए अपनी पत्नी और ससुराल वालों को आरोपी करार देते हुए नजर आए। हालांकि इस मामले में फिलहाल जांच जारी है और निश्चित तौर पर पूरी सच्चाई क्या है इस पर लोगों की नजरे बनी रहेगी।
Manav Sharma से पहले Atul Subhash ने किया था लोगों को हैरान
मानव शर्मा से पहले अतुल सुभाष के मामले ने भी इसी तरह का तूल पकड़ा था। दरअसल एक शानदार सैलरी में काम करने वाले AI इंजीनियर Atul Subhash की मौत से नई बहस शुरू हो गई थी। कहा जाने लगा कि आखिर क्यों पुरुष के लिए भारत में कोई कानून नहीं बनाया गया है। चौकाने वाली बात यह है कि मानव से पहले अतुल सुभाष ने भी अपनी पत्नी को ही दोषी करार देते हुए एक वीडियो बनाया था। उन्होंने बताया था कि कैसे वह अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हो गया।
Manav Sharma Atul Subhash के बाद मर्द समाज को लेकर चिंता
अगर इन दोनों मामलों पर गौर करें तो निश्चित तौर पर दोनों ही शादी के बाद अपनी पत्नी की वजह से इस तरह के कदम उठाने के लिए मजबूर हुआ। ऐसे में सोशल मीडिया पर तमाम बहस जारी है। लोगों का कहना है कि शादी के बाद शायद मर्द इसलिए इस तरह के कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाते हैं क्योंकि अगर महिला अपने पति के खिलाफ कोई भी शिकायत कर दे तो इसमें दोषी करार अक्सर मर्द को किया जाता है।
Manav Sharma Atul Subhash से हटके हर बार क्या मर्द होते हैं कसूरवार
बिना जांच कसूरवार मर्द को ठहराया जाता है। इतना ही नहीं लोग पुरुष के लिए कानून बनाने की भी मांग कर रहे हैं ताकि वह सुरक्षित रह सके। अगर वे अपनी बात किसी के सामने रखते भी है तो उसकी सुनी नहीं जाती है। महिलाओं के हर बात पर यकीन कर लिया जाता है। वैसे तो पुरुष प्रधान समाज कहा जाता है लेकिन यहां महिलाओं के हित में फैसला किया जाता है। मानव शर्मा और अतुल सुभाष के मामले ने निश्चित तौर पर लोगों के मन में कई सवाल पैदा किया है।