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तुष्टिकरण & वोट बैंक पॉलिटिक्स! Karnataka में अल्पसंख्यक वर्ग को मिले आरक्षण से सियासी घमासान, BJP ने गंभीर आरोप के साथ साधा निशाना

सिद्धारमैया सरकार द्वारा Karnataka Housing Quota का दायरा बढ़ाए जाने के बीजेपी ने तुष्टिकरण और वोट बैंक की पॉलिटिक्स का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सिद्धारमैया सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए अपने हिस्से फैसले को चुनौती दी है।

Karnataka Housing Quota
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Karnataka Housing Quota: नए सिरे से एक और मुद्दे को लेकर कर्नाटक में सियासी संग्राम छिड़ा है। मामला कर्नाटक हाउसिंग कोटा से जुड़ा है। दरअसल, कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने कर्नाटक हाउसिंग कोटा के तहत अल्पसंख्यकों के लिए दिए जाने वाीले आरक्षण की सीमा को 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है। इसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां बीजेपी इसे धार्मिक तुष्टिकरण और वोट बैंक की पॉलिटिक्स करार दे रही है। वहीं सिद्धारमैया सरकार इस फैसले को जनहित से जुड़ा फैसला बता रही है। फिलहाल Karnataka Housing Quota पर सियासी वार-पलटवार जारी है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सीधे तौर पर सिद्धारमैया सरकार को घेरते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं।

Karnataka Housing Quota पर छिड़े संग्राम के बीच BJP का पलटवार!

राज्यमंत्री एचके पाटिल मीडिया के सामने आए और उन्होंने कर्नाटक हाउसिंग कोटा के मंजूरी को लेकर जानकारी दी। इसके बाद BJP नेता अमित मालवीय का करारा पलटवार सामने आया है। अमित मालवीय ने Karnataka Housing Quota का जिक्र करते हुए कहा है कि “यह बेशर्मी है। यह पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक है। धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हो सकता। संविधान इस बारे में स्पष्ट है। फिर भी कर्नाटक में कांग्रेस सरकार अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए धार्मिक कोटा लागू करने पर आमादा है। यह शासन नहीं है। कांग्रेस विभाजन के बीज बोने, समुदायों का ध्रुवीकरण करने और कर्नाटक के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने पर आमादा है। यह सब अल्पकालिक राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है।” Karnataka Housing Quota पर बीजेपी नेता की ये प्रतिक्रिया अब वायरल है।

कर्नाटक हाउसिंग कोटा पर कांग्रेस सरकार का पक्ष?

इस चर्चित फैसले को सिद्धारमैया सरकार जनहित से जुड़ा बता रही है। सरकार का पक्ष है कि राज्य में अल्पसंख्यकों में बेघरों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। इससे अल्पसंख्यक समुदाय की आर्थिक और सामाजिक स्थिति सुधरेगी और उन्हें बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी। मालूम हो कि Karnataka Housing Quota को 10 से बढ़ाकर 15 फीसदी करने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय को पीएम आवास योजना, सीएम आवास योजना, आश्रय योजना और वासती योजना में 15 फीसदी आरक्षण मिलेगा। सरकार अपने फैसले के पक्ष में तमाम तरह के तर्क दे रही है। वहीं BJP कर्नाटक हाउसिंग कोटा की सीमा बढ़ाए जाने वाले फैसले को तुष्टिकरण और वोट बैंक पॉलिटिक्स बताते हुए निशाना साध रही है।

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