Anurag Dhanda: राजधानी में वायु प्रदूषण के तार पंजाब में पराली जलाने वाले घटनाक्रम से जोड़ने पर संग्राम छिड़ा है। इस क्रम में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढ़ांडा ने मोर्चा संभालते हुए दूध का दूध और पानी का पानी किया है। अनुराग ढ़ांडा ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं और बताया है कि कैसे पंजाब में साल दर साल पराली जलाने वाली घटनाएं कम हुई हैं। इतना ही नहीं, आप नेता ने मोर्चा संभालते हुए दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। अनुराग ढ़ांडा ने अपनी नाकामयाबी का ठिकरा पंजाब के किसानों पर फोड़ने का आरोप लगाते हुए दिल्ली सरकार से गंभीर सवाल पूछे हैं।
पंजाब से जुड़े राजधानी में प्रदूषण के तार, तो Anurag Dhanda ने संभाला मोर्चा!
अनुराग ढ़ांडा ने दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा को करारा जवाब देते हुए कुछ आंकड़े जारी किए हैं। दिल्ली में प्रदूषण से जुड़े मुद्दे पर छिड़े द्वंद के बीच आप नेता ने खुलकर मोर्चा संभाला है।
आप नेता अनुराग ढ़ांडा के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “15 सितंबर से 21 अक्टूबर के बीच साल दर साल पराली जलाने की घटनाओं की संख्या देखिये। साल 2022 में 3114, साल 2023 में 1764, साल 2024 में 1510 और साल 2025 में 415..! दिल्ली में इस बार सबसे ज़्यादा प्रदूषण है लेकिन पंजाब में पराली की घटनाएं बहुत कम हो गई हैं।” अनुराग ढ़ांडा ने इन आंकड़ों के जरिए दिल्ली सरकार के दावे को एक्सपोज किया है।
पंजाब में कम हुए पराली जलाने के मामले
गौरतलब है कि भगवंत मान सरकार के प्रयासों से पंजाब में पराली जलाने से जुड़ी घटनाएं बहुत कम हो गई हैं। पराली जलाने पर कानून कार्रवाई के रूप में मान सरकार की सख्ती किसानों को पराली जलाने से पहले ही सजग कर रही है। इससे इतर पंजाब सरकार द्वारा किसानों को डिकंपोजर उपलब्ध कराया जाता है।
ऐसी इसलिए किया जाता है, ताकि पराली खेतों में सड़कर खाद का रूप ले और फसलों के लिए फायदेमंद साबित हो। वहीं पंजाब पुलिस के जवान भी लगातार इलाकों में गश्त कर किसानों को जागरूक करने का काम करते हैं। इन सारे प्रयासों का परिणाम है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से वर्ष दर वर्ष पराली जलाने के मामले कम हुए हैं।