Bhagwant Mann: छात्रों के हक की लड़ाई मान सरकार लड़ेगी। यहां बात उन छात्रों की हो रही है जो पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट और सिंडिकेट भंग करने के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए इस सख्त कदम के बाद सीएम भगवंत मान की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि वे केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख करेंगे। सीएम भगवंत मान देश के प्रतिष्ठित और विशेषज्ञ वकीलों का पैनल बनाकर केन्द्र सरकार के कदम का विरोध करेंगे। इसके अलावा पंजाब सरकार इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएगी, ताकि देश-दुनिया का ध्यान इस ओर आकर्षित किया जा सके।
केन्द्र के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी Bhagwant Mann सरकार
इसको लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट लकीर खींच दी है।
सीएम मान के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ की सीनेट और सिंडिकेट को असंवैधानिक रूप से भंग करके जारी की गई अधिसूचना के खिलाफ पंजाब सरकार हाईकोर्ट जाएगी। हम देश के प्रतिष्ठित और विशेषज्ञ वकीलों का एक पैनल बनाकर इस अत्याचार का मुकाबला करेंगे। आने वाले दिनों में यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया जाएगा ताकि विधायी तौर पर भी पंजाब की स्थिति मजबूत हो सके।” ऐसे में ये स्पष्ट है कि पंजाब सरकार मजबूती के साथ केन्द्र के खिलाफ लड़ाई तेज करने जा रही है।
भंग हुई पंजाब विश्वविद्यालय की 59 साल पुरानी सीनेट और सिंडिकेट
केन्द्र सरकार ने आदेश जारी कर पंजाब विश्वविद्यालय की 59 वर्ष पुरानी सीनेट और सिंडिकेट भंग करने का निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद यह फैसला लिया गया है। इसके तहत विश्वविद्यालय का संचालन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स करेंगे। केन्द्र का ये आदेश आज यानी 5 नवंबर से ही प्रभावी माना जाएगा। इस आदेश के बाद पंजाब विश्वविद्यालय में न तो सीनेट चुनाव होंगे और न ही स्नातक मतदाताओं का प्रतिनिधित्व रहेगा। भगवंत मान सरकार केन्द्र के इस कदम को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए हाईकोर्ट का रुख करने का ऐलान कर चुकी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है।






