Bhagwant Mann: बेहद जरूरी मुहिम जल संरक्षण को रफ्तार देने की दिशा में भगवंत मान सरकार ने अपनी पूरी ऊर्जा झोंक दी है। सीएम मान ने धान की बुवाई शुरू होने से पहले ही किसानों के नाम खास अपील कर दी है। पंजाब CM ने उन किसानों को 1500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है, जो बासमती चावल के सभी किस्मों को सीधी बुवाई से बोने का काम करेंगे। सीएम Bhagwant Mann ने साफ तौर पर कहा है कि भूमिगत जल संरक्षण के लिए ऐसा करना बेहद अनिवार्य है। यही वजह है कि सरकार किसानों को प्रोत्साहन राशि देकर ऐसा करने को कह रही है, ताकि भूमिगत जल को संरक्षित किया जा सके और किसानों के उत्पादन पर भी इसका असर ना हो।
किसानों को 1500 रुपए की आर्थिक सहायता दे रही Bhagwant Mann सरकार!
मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर स्पष्ट किया है कि पंजाब सरकार भूमिगत जल संरक्षण की दिशा में पूरी ऊर्जा के साथ प्रयास करेगी। इसी क्रम में सीएम भगवंत मान ने एक्स पोस्ट जारी कर लिखा है कि “पंजाब के भूमिगत जल को बचाने के लिए पंजाब भर में आज से धान की सीधी बुवाई की शुरुआत होने जा रही है। इस बार सीधी बुवाई के माध्यम से हमने 5 लाख एकड़ क्षेत्र का लक्ष्य तय किया है। एक ओर जहां सीधी बुवाई से 15-20% पानी की बचत होती है, वहीं दूसरी ओर इससे अन्य खर्चों में भी कमी आती है। इस बार बासमती की किस्मों को भी सीधी बुवाई से बोने वाले किसानों को सरकार की ओर से बराबर सहायता राशि दी जाएगी।”
सरकार के वादे का जिक्र करते हुए सीएम Bhagwant Mann ने कहा है कि “वादे के अनुसार, हम 1500 रुफए प्रति एकड़ की सहायता राशि के साथ-साथ नहरी पानी और समय पर बिजली भी उपलब्ध करवाएंगे। पंजाब की धरती के प्रति अपना फर्ज निभाते हुए, किसान भाइयों से अपील है कि वे अधिक से अधिक सीधी बुवाई अपनाएं और अपनी आमदनी बढ़ाएं।” मतलब साफ है कि धान की सीधी बुवाई करने वालों के खाते में सरकार 1500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से खटाखट पैसे भेजेगी।
भूमिगत जल संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध भगवंत मान सरकार
पंजाब की AAP सरकार राज्य में भूमिगत जल संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस फेहरिस्त में पहले भी मान सरकार नहरी जल की पहुंच को गांव-गांव तक बढ़ाने के लिए काम कर चुकी है। खेतों तक बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि सिंचाई में बांधा न आए और भूमिगत जल को संरक्षित किया जा सके। इससे इतर Bhagwant Mann सरकार किसानों के बीच विभिन्न माध्यमों से जागरुकता का प्रसार कर भूमिगत जल संरक्षण मुहिम को बढ़ावा दे रही है, ताकि आने वाली पीढ़ियां जल संकट जैसी त्रासदी न झेलें।