Punjab News: परिवहन क्षेत्र में बड़ी कंपनियों के एकाधिकार को समाप्त करने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज ‘रोज़गार क्रांति योजना’ के तहत राज्य के बेरोज़गार युवाओं को 505 मिनी बस परमिट सौंपे।
‘रोज़गार क्रांति’ की शुरुआत की है
यहां मगसीपा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है क्योंकि राज्य सरकार ने इस स्वरोज़गार पहल के माध्यम से ‘रोज़गार क्रांति’ की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने मार्च 2022 से अब तक कुल 1165 ‘स्मॉल स्टेज कैरिज परमिट’ स्वीकृत किए हैं और आज इस योजना के अंतर्गत 505 युवाओं को परमिट दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये परमिट आम परिवारों के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह निष्पक्ष ढंग से जारी किए गए हैं।
परमिट प्राप्त करने वाले युवाओं को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम पेट्रोल पंप ऑपरेटरों, बस ऑपरेटरों और अन्य संबंधित क्षेत्रों सहित पूरी अर्थव्यवस्था को गति देगा। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि पहले बसों की कमी के कारण विद्यार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब राज्य सरकार ने छात्राओं के लिए स्कूल बसें शुरू की हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने 19,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों सहित कुल 43,000 किलोमीटर सड़कों की री-कारपेटिंग का कार्य पांच वर्षों की अवधि के लिए सड़कों के रखरखाव की शर्त के साथ आवंटित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 58,000 युवाओं को बिना किसी भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद या सिफ़ारिश के सरकारी नौकरियां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान ऐसे बस परमिट केवल सत्ताधारी नेताओं के करीबी लोगों को ही जारी किए जाते थे।
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि तत्कालीन शासकों ने परिवहन को पारिवारिक व्यवसाय समझते हुए अपने नज़दीकी लोगों को परमिट जारी किए और इस क्षेत्र में एकाधिकार स्थापित कर लिया था। उन्होंने कहा कि अब यह प्रवृत्ति पूरी तरह बदल चुकी है क्योंकि राज्य की कमान एक ईमानदार सरकार के हाथों में है, जो सभी के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
कुछ उम्मीदवारों ने दो या तीन वोटों के अंतर से जीत हासिल की है
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि हाल ही में स्थानीय निकाय चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से संपन्न हुए हैं और कुछ उम्मीदवारों ने दो या तीन वोटों के अंतर से जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि जनता द्वारा नकारे जाने के कारण विपक्ष इस मुद्दे पर बेवजह शोर मचा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों ने केवल बयानबाज़ी की बजाय विकास और कार्यों को वोट दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ईश्वर की कृपा से प्राप्त उपजाऊ धरती है, लेकिन पिछली सरकारों ने अपने स्वार्थ के लिए इसके संसाधनों की लूट में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि बादलों ने पूरे परिवहन व्यवसाय का केंद्रीकरण कर दिया था, जिससे यह व्यवस्था बुरी तरह बिगड़ गई और कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा धड़ल्ले से चलाई जाती रही।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने के लिए 1311 नई बसें शामिल करने की घोषणा की और कहा कि निजी ट्रांसपोर्टरों को आम आदमी का शोषण करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटियाला, जालंधर, संगरूर, लुधियाना और बठिंडा के बस अड्डों को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है और बहुत जल्द मोबाइल फोन के माध्यम से बस टिकट बुक करने के लिए एक नई ऐप शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में शटल बस सेवा भी शुरू करेगी, जिससे आम जनता को बड़ा लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने नए परमिट जारी करने और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए नियमों में संशोधन किया है ताकि युवाओं को रोज़गार के नए अवसर मिल सकें और साथ ही सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को नौकरी खोजने वालों की बजाय नौकरी देने वालों की मानसिकता की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है, ताकि अर्थव्यवस्था को गति मिल सके। उन्होंने कहा कि पंजाब के युवाओं में अपार क्षमता है और इसका सही उपयोग समय की मांग है।
टोल प्लाज़ा कंपनियां अवधि बढ़ाकर राज्यवासियों का शोषण करना चाहती थीं
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि 17 टोल प्लाज़ा बंद किए गए हैं, जिससे पंजाबियों के रोज़ाना 64 लाख रुपये की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि टोल प्लाज़ा कंपनियां अवधि बढ़ाकर राज्यवासियों का शोषण करना चाहती थीं, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। उन्होंने टिप्पणी की कि प्रताप सिंह बाजवा ने लोक निर्माण मंत्री रहते अपने कार्यकाल में सबसे अधिक टोल प्लाज़ा स्थापित किए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब केंद्र सरकार नए नियम बनाकर मनरेगा को बंद करने की दिशा में बढ़ रही है और राज्य सरकारों पर वित्तीय बोझ बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना को कमजोर करने के इरादे से शर्तों में बदलाव किया गया है, जिससे आम आदमी निराश है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा के लिए जनवरी में पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।
अग्निवीर योजना पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह योजना पूरी तरह असंवैधानिक है और भारतीय सेना के मूल सिद्धांतों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि क्या हमारे पूर्वजों ने इस देश के लिए बलिदान दिए थे? पंजाब की धरती ने अनेक वीर योद्धा पैदा किए हैं, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए महान कुर्बानियां दी हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के संरक्षक के रूप में वह हमेशा राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े रहेंगे और केंद्र के ऐसे जनविरोधी कदमों का पूरी ताकत से विरोध करते रहेंगे।






