Punjab News: पंजाब सरकार मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में साफ ऊर्जा के क्षेत्र में नई मिसाल कायम कर रही है। साफ ऊर्जा को राज्य की तरक्की का मुख्य आधार बनाकर सरकार पर्यावरण की रक्षा कर रही है और लाखों युवाओं के लिए नौकरी के अवसर पैदा कर रही है। इस दिशा में नाभा पावर लिमिटेड (एनपीएल) की ₹641 करोड़ की बिजली उत्पादन परियोजना पंजाब की हरित क्रांति में एक चमकता सितारा है। यह परियोजना सस्ती और साफ बिजली के साथ-साथ 500 नौकरियां लाएगी, जिससे पंजाब का भविष्य स्वच्छ और समृद्ध बनेगा। हाल ही में शुरू की गई योजनाओं के साथ पंजाब साफ ऊर्जा क्षमता हासिल करने की राह पर तेजी से बढ़ रहा है, जो राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत और लगातार विकास की गारंटी देगा।
यह योजना पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के साथ 25 साल के पावर खरीद समझौते के तहत चलेगी
नाभा पावर लिमिटेड, जो लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, ने पटियाला के राजपुरा में अपने 1,400 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट को सौर ऊर्जा के साथ मिश्रित (हाइब्रिड) मॉडल में बदलने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस ₹641 करोड़ की परियोजना में सौर ऊर्जा को थर्मल संयंत्र के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे प्रदूषण में 15 प्रतिशत की कमी आएगी और पर्यावरण की रक्षा होगी। यह परियोजना 500 नई नौकरियां पैदा करेगी, जिनमें स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। यह योजना पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के साथ 25 साल के पावर खरीद समझौते के तहत चलेगी, जिससे पंजाब को सस्ती और साफ बिजली मिलेगी। यह परियोजना दिसंबर 2025 तक शुरू होगी और 2026 तक चरणबद्ध तरीके से पूरी होगी, जिससे पंजाब की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में महत्वपूर्ण इजाफा होगा।
नाभा पावर के इस प्रोजेक्ट से राज्य की औद्योगिक व्यवस्था को नई ताकत मिलेगी। राजपुरा का थर्मल प्लांट पहले से ही पंजाब की बिजली जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा करता है, जो गैर-पीक सीजन में 40 प्रतिशत और पीक सीजन में 20 प्रतिशत बिजली देता है। सौर ऊर्जा के एकीकरण से यह प्लांट पर्यावरण के लिए और बेहतर बनेगा। 2025 में केंद्र सरकार के सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने एनपीएल को पर्यावरण संरक्षण के लिए पुरस्कार दिया है, जो इसकी हरित प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह परियोजना पंजाब की साफ ऊर्जा पहल को मजबूत करते हुए देश के घरेलू निवेश और भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ताकत को रेखांकित करती है।
बैंगलोर के साथ धान की पराली से साफ हाइड्रोजन ईंधन बनाने के लिए समझौता किया है
पंजाब सरकार की अन्य साफ ऊर्जा योजनाएं भी इस दिशा में जोर-शोर से चल रही हैं। 66 नई सौर संयंत्रों की योजना दिसंबर 2025 तक 264 मेगावाट साफ बिजली देगी, जिससे हर साल 40 करोड़ यूनिट बिजली बनेगी और 176 करोड़ रुपये की कृषि सब्सिडी बचेगी। इस योजना से 1,056 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और 500 से ज्यादा नौकरियां बनेंगी। पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पीडा) ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी), बैंगलोर के साथ धान की पराली से साफ हाइड्रोजन ईंधन बनाने के लिए समझौता किया है, जो पर्यावरण संरक्षण में एक क्रांतिकारी कदम है। 40 मेगावाट की नहर-शीर्ष सौर परियोजना पानी की बचत के साथ बिजली बनाएगी। साफर कंपनी के साथ फाजिल्का और फिरोजपुर में सौर फार्म बन रहे हैं, जो और निवेश लाएंगे। 4,238 सरकारी स्कूलों में सौर पैनल लगाकर 2.89 करोड़ यूनिट बिजली बन रही है। रूफटॉप सोलर से 63.5 मेगावाट संयंत्र लग चुके हैं, और 3,000 आवेदन लंबित हैं। पीडा ने 815.5 मेगावाट के सौर संयंत्र लगाए हैं, जो बिजली की हानि कम कर रहे हैं। 5,000 करोड़ रुपये की बिजली ढांचा योजना से अगले साल बिजली कटौती खत्म हो जाएगी। इन सभी योजनाओं से 2,000 से ज्यादा नौकरियां बन चुकी हैं, और 2025 के अंत तक यह संख्या दोगुनी होगी।
साफ ऊर्जा मंत्री अमान अरोड़ा ने कहा, “नाभा पावर की यह परियोजना पंजाब की हरित क्रांति का एक बड़ा कदम है। हम थर्मल से सौर ऊर्जा की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे पर्यावरण बचेगा और युवाओं को हरी नौकरियां मिलेंगी।” मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “नाभा पावर का यह प्रोजेक्ट हर पंजाबी के लिए समृद्धि का प्रतीक है। हमारी सरकार साफ ऊर्जा, रोजगार और निवेश से पंजाब को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। आने वाले चुनावों में आपका भरोसा हमारी ताकत बनेगा। हमारा वादा है कि पंजाब स्वच्छ, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनेगा।” यह परियोजना पंजाब को भारत का हरित इंजन बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।