Punjab News: पंजाब आज शासन के एक ऐसे मॉडल का गवाह बन रहा है, जिसने आम आदमी के जीवन से एक बड़े वित्तीय बोझ को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा लागू की गई ‘जीरो बिजली बिल’ की गारंटी सिर्फ एक चुनावी वादा नहीं, बल्कि एक क्रांतिकारी कदम साबित हुई है। यह वह गारंटी है जिसने राज्य के लाखों परिवारों के घरों को सही मायने में रोशन किया है। पिछली सरकारों के खोखले वादों और महंगी बिजली के दौर को पीछे छोड़ते हुए, वर्तमान सरकार ने यह साबित कर दिया है कि अगर नीति और नीयत साफ हो, तो जनता को सीधी राहत पहुँचाना असंभव नहीं है।
अकेले अगस्त-सितंबर 2025 के एक बिलिंग चक्र में ही 7,387,460 परिवारों के बिजली बिल शून्य आए
इस योजना की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि आज पंजाब के 90 प्रतिशत (90%) परिवार ‘जीरो बिजली बिल’ का लाभ उठा रहे हैं। यह कोई छोटा आँकड़ा नहीं, बल्कि राज्य की एक विशाल आबादी को मिली सीधी राहत है। अकेले अगस्त-सितंबर 2025 के एक बिलिंग चक्र में ही 7,387,460 परिवारों के बिजली बिल शून्य आए। यह अभूतपूर्व उपलब्धि दर्शाती है कि सरकार की यह कल्याणकारी योजना समाज के हर वर्ग तक पहुँच रही है, जिससे लोगों को हर महीने ₹1500 से ₹2000 तक की सीधी बचत हो रही है, जिसका उपयोग वे अपने बच्चों की शिक्षा और परिवार की अन्य जरूरतों पर कर रहे हैं।
आँकड़े इस ऐतिहासिक सफलता की कहानी खुद बयां करते हैं। जब से यह योजना जुलाई 2022 में लागू हुई है, तब से लेकर 31 अक्टूबर 2025 तक, पंजाब सरकार ने कुल 113,943,344 (यानी लगभग 11.40 करोड़) ‘जीरो इलेक्ट्रिसिटी बिल’ जारी किए हैं। इसके साथ ही, कुल 134,632,343 (13.46 करोड़ से अधिक) उपभोक्ताओं ने सब्सिडी वाली बिजली का लाभ उठाया है। यह विशाल संख्या पिछली सरकारों की विफलताओं पर एक करारा प्रहार है, जो दशकों तक जनता को ऐसी बुनियादी राहत देने में पूरी तरह नाकाम रहीं।
आज जब 90% पंजाबियों के बिल जीरो आ रहे हैं, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि पिछली सरकारें ऐसा क्यों नहीं कर सकीं? सच तो यह है कि उनमें न तो राजनीतिक इच्छाशक्ति थी और न ही जनता-समर्थक नीतियां बनाने का विजन। उनके लिए जनता सिर्फ एक ‘वोट बैंक’ थी, जिसे चुनावों के समय लॉलीपॉप थमा दिया जाता था। पंजाब के खजाने को लूटने और अपने निजी हितों को साधने में लगी रहीं पिछली सरकारों ने कभी भी आम आदमी के बिजली बिल के बोझ को कम करने की गंभीरता से कोशिश नहीं की। उनकी प्राथमिकता पंजाब नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करना था।
‘रोशन पंजाब’ मिशन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है
वर्तमान सरकार का यह कदम ‘रोशन पंजाब’ मिशन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह मिशन सिर्फ घरों को रोशन करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पंजाब की रीढ़ की हड्डी, यानी ‘अन्नदाता’ को भी मजबूत कर रहा है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि पंजाब के 13.50 लाख (साढ़े तेरह लाख) किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली मिलती रहे। यह कदम किसानों की इनपुट लागत को कम करता है, उनकी आय बढ़ाने में मदद करता है और पंजाब के कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाकर देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह पिछली सरकारों के किसान-विरोधी रवैये के बिल्कुल विपरीत है।
यह कोई एक बार की राहत नहीं है, बल्कि सरकार की एक सुदृढ़ नीति का परिणाम है, जो हर साल लगातार लोगों तक पहुँच रही है। आँकड़ों पर नजर डालें तो: वित्तीय वर्ष 2023-24 में, कुल 35,959,088 (लगभग 3.60 करोड़) ‘जीरो बिल’ जारी किए गए। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी यह सिलसिला जारी रहा और 34,577,832 (लगभग 3.46 करोड़) ‘जीरो बिल’ दिए गए। यह निरंतरता साबित करती है कि सरकार के पास न केवल विजन है, बल्कि उसे धरातल पर उतारने के लिए एक मजबूत वित्तीय प्रबंधन भी है।
600 यूनिट तक की खपत पर बिल “शून्य” आता है
यह योजना सिर्फ ‘मुफ्त’ नहीं है, बल्कि एक ‘स्मार्ट’ और सोची-समझी नीति है। 600 यूनिट तक की खपत पर बिल “शून्य” आता है, जिसका अर्थ है कि उपभोक्ताओं को न केवल बिजली की कीमत, बल्कि फिक्स्ड चार्ज, मीटर रेंट या किसी भी अन्य टैक्स का भुगतान भी नहीं करना पड़ता। इसके अलावा, समाज के कमजोर वर्गों (SC/BC/BPL) के लिए एक “सेफ्टी नेट” भी है – यदि उनकी खपत 600 यूनिट से अधिक होती है, तो उन्हें केवल अतिरिक्त यूनिट का ही भुगतान करना पड़ता है। यह दिखाता है कि सरकार ने हर पहलू का ध्यान रखा है।
ये आँकड़े – 11.40 करोड़ ‘जीरो बिल’, 90% घरों को राहत, 73.87 लाख परिवार और 13.50 लाख किसान – यह स्पष्ट करते हैं कि पंजाब में शासन का एक नया युग शुरू हो चुका है। यह ‘पंजाब मॉडल’ है, जो खोखले वादों पर नहीं, बल्कि ठोस ‘गारंटी’ पर आधारित है। भगवंत मान सरकार ने पंजाब को पिछली सरकारों के अंधेरे कुशासन से निकालकर ‘रोशन पंजाब’ की राह पर डाल दिया है, जहाँ हर आम नागरिक खुद को सशक्त और सम्मानित महसूस कर रहा है।






