Home पॉलिटिक्स Rajasthan में अब गठित होगी क्विक इन्वेस्टिगेशन डिस्पोजल टीम, जानें कैसे करेगी काम?

Rajasthan में अब गठित होगी क्विक इन्वेस्टिगेशन डिस्पोजल टीम, जानें कैसे करेगी काम?

0

Rajasthan: राजस्थान में जघन्य तथा अतिसंवेदनशील अपराधों की सटीक अनुसंधान जांच के लिए एक क्विक इन्वेस्टिगेशन डिस्पोजल टीम के गठन की आज घोषणा की गई। बता दें इसका वादा सीएम अशोक गहलोत ने बजट सत्र में किया था। यह एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम होगी जिसमें कुछ चुनिंदा योग्यता वाले पुलिस अधिकारियों का ही चयन किया जाएगा। इस टीम के गठन की जिम्मेदारी पुलिस हेडक्वार्टर के क्राइम ब्रांच की होगी। राज्य के डीजीपी उमेश मिश्रा के दिशा निर्देश में हर जिले इसके गठन की शुरुआत कर दी गई है।

जानें कैसे करेगी यह काम

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इस टीम का काम 24*7 होगा। जितने भी पुलिस अफसर इस टीम में भर्ती होंगे। वो 8-8 घण्टे की तीन शिफ्टों में अनवरत अपराध अनुसंधान कार्य करेंगे। किसी भी घटना की सबसे पहले घटनास्थल की प्राइमरी जांच में भौतिक तथा तकनीकी सबूतों को जुटाकर एक निश्चित समय में उसका अनुसंधान कार्य पूरा करेगी। ताकि गम्भीर अपराध का दोषी बच न सके।

इसे भी पढ़ेंः Bandi Sanjay Arrest: PM Modi के तेलंगाना दौरे से पहले BJP प्रदेश अध्यक्ष गिरफ्तार, भाजपा

एक टीम में कौन कौन होगा

डीआईजी क्राइम राहुल प्रकाश के मुताबिक हर जिले की क्विक इन्वेस्टिगेशन डिस्पोजल टीम का प्रभारी एक एडिशनल एसपी रेंक का अधिकारी होगा। जिसका सहप्रभारी पुलिस इंस्पेक्टर रेंक का अधिकारी होगा। इस टीम में 3 -3 सब इंस्पेक्टर, 3-3 सहायक सब इंस्पेक्टर, 3-3 हेडकांस्टेबल तथा 8-8 कांस्टेबल होंगे। सभी को एक निश्चित योग्यता मानकों को पूरा करना होगा। जिसमें टीम के प्रभारी को 5 साल से अधिक का फील्ड में पदस्थापित रहने का अनुभव हो। जिसमें एएसपी के चयन में कानून की डिग्री या डिप्लोमा होल्डर को प्राथमिकता दी जाएगी।

अन्य पदों की योग्यता

सहप्रभारी पुलिस इंस्पेक्टर के लिए 5 साल से अधिक फील्ड सर्विस का अनुभव रखता हो। कम से कम 2 साल थाना प्रभारी का कार्यभार संभाला हो। पुलिस थानों अथवा क्राइम ब्रांच में 100 से अधिक गंभीर प्रकरणों के अनुंसधान का अनुभव हो। इसके साथ ही एएसआई,हेडकांस्टेबल, तथा कांस्टेबल रैंक के लिए उनको वरीयता दी जाएगी। जो स्नातक हों, जिसने रेंज,जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय अथवा पुलिस थानों में साइबर क्राइम संबधी जांच कार्यों में अनुभव लिया हो। नए तकनीकी संसाधनों के उपयोग में प्रशिक्षित हो। इस टीम का मोबाइल अनुसंधान वाहन तथा उसमें उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग किया जाएगा। जिसकी कौशल बृद्धि के लिए समय समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी जारी होते रहेंगे

इसे भी पढ़ेंः Kerala Politics: Congress को लगा दक्षिण में बड़ा झटका, दिग्गज कांग्रेसी नेता AK Antony के बेटे ने थामा BJP का दामन

Exit mobile version