Rajasthan News: चर्चित जनपद झुंझुनू से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने सभी को हैरान कर रख दिया है। दरअसल, भारी बारिश के कारण एक सड़क उद्घाटन से पहले ही बह गई जिसके बाद तमाम तरह की उपमाए दी जा रही हैं। कोई इसे भ्रष्टाचार की संज्ञा दे रहा है, तो किसी के लिए भारी बारिश हमेशा की तरह तर्क के रूप में पेश किया जा रहा है। इसी बीच झुंझुनू जनपद से आया वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर छाया है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे पानी की तेज धारा के चपेट में आने से नई-नई बनी सड़क भर-भराकर गिर जाती है। इस दौरान बिजली का खंभा भी क्षतिग्रस्त हुआ है और सड़क के साथ खंभा भी पानी की तेज धारा में जलमग्न हो गया है। राजस्थान के झुंझुनू जनपद से आई इस तस्वीर को साझा करते हुए यूजर्स विभागीय भ्रष्टाचार के साथ सूबे में मचे सियासी उठा-पटक का जिक्र कर बदहाली की बात कर रहे हैं।
उद्घाटन से पहले ही बह गई झुंझुनू जिले की सड़क, देखें वीडियो
बारिश की तगड़ी मार झेल रहे राजस्थान से एक भयावह तस्वीर सामने आई है। यहां झुंझुनू के बाघोली इलाके में NH-52 को जोड़ने वाली बाघोली-जहाज सड़क काटली नदी में उफान के कारण बह गई। एनडीटीवी के एक्स हैंडल से इसका वीडियो जारी किया गया है।
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वीडियो में सड़क का हिस्सा टूटकर पानी की आगोश में समाता देखा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक अभी सड़क का उद्घाटन होना बाकी था। हालांकि, उससे पूर्व ही बाघोली-जहाज लिंक मार्ग पानी की तेज धारा में बह गई। गनीमत रही कि इस घटनाक्रम में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सोशल मीडिया पर तेजी से सुर्खियां बटोर रहे झुंझुनू वायरल वीडियो में सड़क का एक हिस्सा टूट कर पानी में बहता नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि भारी बारिश के कारण काटली नदी में उफान आया जिसके कारण नई-नई बनी सड़क भेंट चढ़ गई और तबाही मची।
क्षतिग्रस्त सड़क की गुणवत्ता पर उठे सवाल!
भारी संख्या में स्थानीय लोगों ने मौके पर जुटकर ठेकेदार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। झुंझुनू के बाघोली इलाके में NH-52 को जोड़ने वाली बाघोली-जहाज लिंक मार्ग के पानी में बह जाने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों ने यहां तक कहा है कि सड़क निर्माण के समय घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ था जिसकी शिकायत की गई थी। इससे इतर कुछ नालों का निर्माण करने की बात भी कही गई थी लेकिन जिम्मेदार संस्थाओं ने कन्नी काटते हुए मनमाना रवैया अपनाया था। ऐसे में जब अंतत: सड़क पानी की तेज धारा में बह गई है तो सरकारी कार्यप्रणाली के साथ निर्माण एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।