RSS: आज यानी 27 सितंबर 2025 को आरएसएस मतलब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना को 100 साल पूरे हो गए हैं। आरएसएस की स्थापना 27 सितंबर 1925 को नागपुर में हुई थी। इस संगठन की नींव डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के साथ कुछ समान सोच रखने वाले लोगों ने मिलकर रखी थी। आज देश और दुनिया आरएसएस को सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन के तौर पर जानती है। जानकारी के मुताबिक, आरएसएस की देशभर में 83000 से अधिक शाखा और कई लाख कार्यकर्ता पूरी एकजुटता के साथ संगठन के लिए कार्य करते हैं।
क्या आरएसएस और भाजपा एक ही चीज है?
बता दें कि साल 2014 से भाजपा यानी भारतीय जनता पार्टी केंद्र सरकार में बनी हुई है। भाजपा दक्षिणपंथी राजनीति से जुड़ी हुई है। वहीं, आरएसएस अति-दक्षिणपंथी अर्धसैनिक संगठन है। दोनों में गहरे वैचारिक और संगठनात्मक संबंध बने हुए हैं।
आरएसएस का मुख्य और लक्ष्य क्या है?
जानकारी के मुताबिक, आरएसएस एक सांस्कृतिक संगठन है, जो कि हिंदू एकता और हिंदू सांस्कृति की एकता और मूल्यों को आगे बढ़ाना है। आरएसएस के मुताबिक, राष्ट्र सेवा और भारतीय परंपराओं का सरंक्षण करने और उन्हें आगे बढ़ाने पर जोर देता है। हालांकि, फिर भी आरएसएस राजनीतिक तौर पर एक सक्रिय संगठन है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम शामिल हैं।
क्या नरेन्द्र मोदी आरएसएस से हैं?
बता दें कि नरेंद्र मोदी आठ साल के थे, तब उनका परिचय आरएसएस से हुआ। इसके बाद वे उसकी स्थानीय शाखाओं (प्रशिक्षण सत्रों) में जाने लगे। जानकारी के अनुसार,
वहां उनकी मुलाकात लक्ष्मणराव इनामदार से हुई, जिन्होंने नरेंद्र मोदी को आरएसएस में बालस्वयंसेवक (जूनियर कैडेट) के रूप में शामिल किया और उनके राजनीतिक गुरु बन गए।
क्या महिलाएं आरएसएस की सदस्य बन सकती हैं?
इंटरनेट पर एक सवाल पूछा जाता है कि क्या महिलाएं आरएसएस की सदस्य बन सकती हैं? तो जानकारी के मुताबिक, महिलाएं आरएसएस की सदस्य नहीं बन सकती हैं। आरएसएस के मुताबिक, ‘उसकी स्थापना हिंदू समाज को संगठित करने के लिए की गई थी और व्यावहारिक सीमाओं को देखते हुए इसमें केवल हिंदू पुरुषों को ही प्रवेश की इजाज़त दी गई थी।’
आरएसएस को कौन देता है फंड?
जानकारी के अनुसार, आरएसएस एक रजिस्टर्ड संगठन नहीं है। यही वजह है कि अक्सर आरएसएस की पारदर्शिता पर प्रश्न उठते हैं। साथ ही संगठन में जवाबदेही की कमी है। जानकारी के मुताबिक, आरएसएस आयकर टैक्स रिटर्न नहीं देता है, यही वजह है कि संघ की फंडिंग पर अक्सर सवाल उठते हैं।
RSS के शताब्दी वर्ष पर कौन होगा मुख्य अतिथि?
कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि आरएसएस देसी कैलेंडर के अनुसार, 2 अक्तूबर 2025 को अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, नागपुर होने वाले मुख्य आयोजन में देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रमुख अतिथि होंगे।