Monday, May 19, 2025
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World Earth Day 2025 पर Sadhguru का खास अंदाज! प्रकृति की गोद से बताया कैसे विनाशकारी साबित हो सकता है मिट्टी को नष्ट करना?

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World Earth Day 2025: दुनिया में आज एक खास दिवस को लेकर चहल-पहल है। कहीं नुक्कड़ सभाए हो रही हैं, तो कहीं नाट्य कार्यक्रम के तहत जागरुकता का प्रसार किया जा रहा है। यहां बात पृथ्वी दिवस के संदर्भ में हो रही है। दरअसल, हर वर्ष की भांति इस बार भी 22 अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ डे 2025 मनाया जा रहा है। इस दौरान ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव (सद्गुरु) का खास अंदाज नजर आया है। World Earth Day 2025 पर सद्गुरु ने प्रकृति की गोद में बैठकर खास तस्वीर साझा करते हुए मिट्टी के महत्व पर प्रकाश डाला है। Sadhguru ने बताया है कि कैसे मिट्टी को निरंतर नष्ट करना मानव जीवन के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। ऐसे में आइए हम आपको पर्यावरण संरक्षण की तरफ सभी का ध्यान खींचने के लिए मनाए जाने वाले पृथ्वी दिवस के बारे में बताते हैं।

Sadhguru का World Earth Day 2025 पर जबरदस्त अंदाज!

प्रख्यात वक्ता, लेखक व ईशा फाउंडेशन के चीफ सद्गुरु आज पृथ्वी दिवस के अवसर पर खास अंदाज में नजर आए हैं। अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से तस्वीर साझा करते हुए Sadhguru ने मिट्टी के महत्व पर प्रकाश डाला है। प्रकृति की गोद में बैठे सद्गुरु का कहना है कि “धरती माता की गोद में हमारा पालन-पोषण होता है। स्वाभाविक रूप से, हमें उनके प्रति श्रद्धा रखनी चाहिए।”

एक और वीडियो शॉर्ट साझा करते हुए World Earth Day 2025 के संदर्भ में सद्गुरु कहते हैं कि “प्रकृति को संरक्षित करने का एकमात्र उपाय एक सचेत ग्रह बनाना है, जिसमें हम में से हर एक का सचेत अस्तित्व है। जिस तरह से हम दुनिया में मिट्टी को नष्ट कर रहे हैं अगर हम इसे जारी रखते हैं और कोई सचेत नहीं होते हैं तो जब प्रकृति प्रतिक्रिया या जवाब देगी, तो वह प्रतिक्रिया हमारे पक्ष में नहीं होगी। वो मानव समुदायों के लिए विनाशकारी हो सकता है। समय आ गया है कि हम सचेत तरीके से नीतियां बनाएं और मिट्टी को संरक्षित करें। सचेत ग्रह आज की आवश्यकता है। ऐसा होने का एकमात्र तरीका है कि हम मनुष्य को सचेत होना होगा। मिट्टी न तो एक वस्तु है और न ही एक अनंत संसाधन। अगर हम इसे नष्ट करते हैं तो इस ग्रह पर जीवन समाप्त हो जाएगा।”

वर्ल्ड अर्थ डे 2025 के महत्व को समझना क्यों है जरूरी?

इसे समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि मिट्टी न तो एक वस्तु है और न ही एक अनंत संसाधन। ऐसे में अगर लगातार इसे नष्ट किया जाएगा, तो एक दिन आएगा जब हम इस प्राकृतिक संसाधन से हाथ धो बैठेंगे। ऐसे में सबकी जिम्मेदारी बनती है कि वो पृथ्वी को खुशहा बने रहने में अपना योगदान दें। इसके लिए ही World Earth Day 2025 मनाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष की तरह 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले इस खास दिवस का लक्ष्य लोगों के बीच जागरुकता का प्रसार करना है, ताकि वे मिट्टी संरक्षण हेतु कदम उठाएं।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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