Shashi Tharoor: चर्चित कांग्रेस सांसद शशि थरूर की एक और प्रतिक्रिया फिर सुर्खियों का विषय बनी है। दरअसल, शशि थरूर ने उन तमाम अमेरिकी कांग्रेस के सांसदों की तारीफ की है, जो भारत-अमेरिका के अच्छे संबंध की वकालत कर रहे हैं। अमेरिकी सांसदों ने प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप को पत्र लिखकर भारत-अमेरिका संबंध को मजबूत करने के लिए कदम उठाने को कहा है।
सांसद थरूर अमेरिकी कांग्रेस सांसदों की इसी पहल से गदगद हुए हैं। उन्होंने एक्स पोस्ट साझा करते हुए लंबी प्रतिक्रिया दी है और अपने भाव व्यक्त किए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या टैरिफ वॉर को लेकर चली तनातनी के बाद अब हालात बदलेंगे? आइए हम इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं।
अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों की पहल से गदगद हुए Shashi Tharoor
अपनी बेबाक शैली के लिए विख्यात सांसद शशि थरूर की एक प्रतिक्रिया उनके खुशनुमा मनोभाव को दर्शाती है। सांसद थरूर ने उन 10 अमेरिकी कांग्रेस के सांसदों की तारीफ की है, जो भारत-अमेरिका संबंध को मजबूती देने की वकालत करते हैं।
शशि थरूर के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “अमेरिकी कांग्रेस के 10 सदस्यों की इस पहल को देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। जब मैंने प्रवासी समुदाय की चुप्पी पर सवाल उठाया, तो मैं यह चिंता व्यक्त करना चाहता था कि वे अपने राजनीतिक प्रतिनिधियों पर इस तरह का रुख अपनाने के लिए दबाव नहीं डाल रहे हैं। अगर प्रभावशाली अमेरिकी राजनेता प्रवासी समुदाय के दबाव में या उसके बिना भी अपनी बात रख सकते हैं, तो इसका अमेरिकी नीति पर निश्चित रूप से कुछ प्रभाव पड़ेगा।”
दरअसल, अमेरिकी सांसदों ने प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप से भारत-अमेरिका साझेदारी को फिर से स्थापित करने और सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है। सांसदों ने टैरिफ नीति की समीक्षा और भारतीय नेतृत्व के साथ निरंतर बातचीत के साथ उचित कदम उठाने का आह्वान भी किया है जिसकी प्रशंसा शशि थरूर से की है।
अमेरिकी सांसदों की पहल से क्या बदलेंगे हालात?
इसका पुख्ता रूप से कोई जवाब नहीं दिया जा सकता है। दरअसल, ट्रंप अपनी नीतियों से जुड़े फैसले खुद करते हैं। ज्यादातर मौकों पर प्रेसिडेंट ट्रंप को अपने हिस्से का पक्ष रखते और टैरिफ नीति से जुड़े मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते देखा जाता है। ऐसे में ये कहना कि अमेरिकी सांसदों की पहल मात्र से ही डोनाल्ड ट्रंप का मंतव्य बदल सकता है, ये अतिश्योक्ति होगी। हालांकि, फिर भी अमेरिकी कांग्रेस सांसदों की ये पहल उम्मीद की एक लौ के समान है जिसका असर क्या होगा ये आने वाले समय में स्पष्ट हो सकेगा।