Monday, May 19, 2025
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Sri Sri Ravi Shankar on ONOE: One Nation One Election पर श्री श्री रविशंकर ने दी प्रतिक्रिया, जानें क्या है आध्यात्मिक गुरु का रुख?

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One Nation One Election: सदन में गहमा-गहमी के बीच आज अंतत: एक देश एक चुनाव बिल को पेश कर दिया गया है। इसी बीच विपक्ष ने एक देश एक चुनाव बिल को लेकर जोरदार हंगामा किया है।

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One Nation One Election: विविधता से भरे भारत की खास बात है सार्वजनिक मंच पर सभी का एक होना। 'हम भारत के लोग' भाव के साथ भारत का प्रतिनिधित्व गर्व से होता है। इस 'एक' व एकता के तर्ज पर केन्द्र सरकार 'एक देश एक चुनाव' की बात कर रही है।

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One Nation One Election: राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों के लिए 'वन नेशन वन इलेक्शन' के रूप में एक नया मुद्दा सामने आ चुका है। इसे पढ़ने, समझने के लिए तैयारियां भी शुरू हैं।

Sri Sri Ravi Shankar on ONOE: देश में ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर संग्राम छिड़ा है। केन्द्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए One Nation One Election बिल पर विपक्ष से लेकर सत्तारुढ़ दल के तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। सभी अपने-अपने तर्क के अनुसार इस बिल पर अपना पक्ष रख रहे हैं। इसी बीच आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का नाम सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, श्री श्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar on ONOE) ने भी एक देश एक चुनाव बिल पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपना रुख स्पष्ट करते हुए बताया है कि एक देश एक चुनाव कैसे आज के समय में जरूरी है।

One Nation One Election पर आध्यात्मिक गुरु Sri Sri Ravi Shankar ने स्पष्ट किया रुख

आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar) ने ‘एक देश एक चुनाव’ बिल को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है। श्री श्री रविशंकर का कहना है कि “चुनाव किसी भी लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र में आलोचना करने, बयानबाजी करने और यहां तक ​​कि कीचड़ उछालने की भी आजादी है। हालांकि, शासन के प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए, चुनाव अभियानों को एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर सीमित किया जाना चाहिए।”

गुरु श्री श्री रविशंकर का कहना है कि “बार-बार होने वाले चुनाव उम्मीदवारों को लगातार नए और अव्यवहारिक वादे करने, आर्थिक मदद पेशकश करने और लोकलुभावन नीतियां बनाने के लिए मजबूर करते हैं। इन नीतियों का उद्देश्य जनता को आकर्षित करना है। इससे राजनेताओं के प्रति जनता का विश्वास कम हो जाता है, जिससे नेताओं के सम्मान और प्रतिष्ठा में गिरावट आती है। मतदाता राजनेताओं को केवल चुनाव के दौरान दिखाई देने वाला समझने लगते हैं, जिससे विश्वास को और नुकसान पहुंचता है। यह प्रवृत्ति समृद्धि के लिए प्रयासरत राष्ट्र के लिए अस्थिर और हानिकारक है।”

एक राष्ट्र, एक चुनाव (One Nation One Election) को लेकर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कुछ और बातें कही हैं। उनका कहना है कि “जवाबदेही सुनिश्चित करके, संसाधनों की बर्बादी को कम करके और नेतृत्व में विश्वास को बढ़ावा देकर, ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ दृष्टिकोण संभव हो सकता है। इससे एक कुशल और समृद्ध भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। नेताओं के पास लगातार चुनावी गतिविधियों में लगे रहने के बजाय विकासात्मक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और अपने जनादेश को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय होगा।”

‘एक देश, एक चुनाव’ बिल पर छिड़ा संग्राम

देश के विभिन्न हिस्सों में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ बिल को लेकर संग्राम छिड़ा है। विपक्ष के तमाम विरोध के बीच लोकसभा में इस बिल के पेश होने के बाद इसे स्वीकार कर लिया गया है। एक देश एक चुनाव बिल को संयुक्त संसदीय समीति (JPC) को भेजने का प्रस्ताव भी रखा गया है। संभावना है कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ऐसा प्रस्ताव रखें।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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