CM Yogi Adityanath: यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बिसात बिछ चूकी है। अखिलेश यादव से इतर सीएम योगी भी लगभग तैयारियों में जुट ही गए हैं। होली पर्व से पहले मथुरा से इसका शंखनाद भी आज हो गया है। दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज मथुरा के बरसाना में रंगोत्व-2025 कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बड़ा संकेत दे दिया है। अपार जनमानस के बीच CM Yogi Adityanath ने कहा कि “इस बार हमने बजट में विशेष प्रावधान कर दिया है, आप आश्वस्त रहिए, आशीर्वाद देते रहिए। अब बारी ‘ब्रजभूमि’ (मथुरा) की है।” सीएम योगी के इस बयान से लगभग-लगभग 2027 विधानसभा चुनाव का रोडमैप तैयार नजर आ रहा है। सवाल है कि अयोध्या-काशी के बाद मथुरा की बारी क्या यूपी के सियासी समीकरण को प्रभावित करेगी? क्या सीएम योगी आदित्यनाथ के रोडमैप का असर समीकरण पर भी होगा?
2027 विधानसभा चुनाव से पहले CM Yogi का रोडमैप तैयार?
घोषणा भले ही न हुई हो, पर अंदरखाने यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। एक ओर अखिलेश यादव महिलाओं के लिए आर्थिक सहयोग देने का वादा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर सीएम योगी आदित्यनाथ का अंदाज सामने आया है। मथुरा के बरसाना में होली से पहले हुए रंगोत्सव-2025 कार्यक्रम में सीएम योगी ने खास बात कह दी है। 2027 के लिए लगभग रूप से रोडमैप तैयार करते हुए कहा है कि “इस बार हमने बजट में विशेष प्रावधान कर दिया है, आप आश्वस्त रहिए, आशीर्वाद देते रहिए। अब बारी ‘ब्रजभूमि’ (मथुरा) की है।” अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए CM Yogi Adityanath ने कहा कि पीएम मोदी ने वर्ष 2014 के बाद से विरासत और विकास की जिस नई परंपरा को भारत वासियों को प्रदान किया है। यह मुझे बरसाना में, ब्रजभूमि में देखने को मिल रहा है।
सामान्य लोग भले ही इसे एक बयान या संबोधन का अंश भर समझें, लेकिन राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों के लिए सीएम योगी की टिप्पणी एक अहम इशारा है। ये स्पष्ट है कि अयोध्या और काशी की दशा-दिशा बदलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का ध्यान मथुरा की ओर केन्द्रित है। योगी सरकार की नीति स्पष्ट है कि निकट भविष्य में अयोध्या और काशी के तर्ज पर ही, मथुरा की दशा-दिशा बदली जाएगी। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि 2027 विधानसभा चुनाव के लिए सीएम योगी ने रोडमैप तैयार कर लिया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान से क्या बदल सकता है समीकरण?
जाति-धर्म के आधार पर की जा रही राजनीति, वर्तमान समय में पर्याय बन चुकी है। नेता भले ही आधिकारिक तौर पर धर्म-जाति की राजनीति करने से बचते हैं, लेकिन सारी पटकथा इसी के इर्द-गिर्द घूमती है। टिकट बंटवारे से संगठन में तैनाती तक सब कुछ जाति-धर्म के फैक्टर को ध्यान में रखकर किया जाता है। ऐसे में स्पष्ट है कि CM Yogi Adityanath के ‘ब्रजभूमि की बारी’ वाले बयान से हिंदू आकर्षित हो सकते हैं। उनकी भी लालसा है कि काशी-अयोध्या की तरह मथुरा की तासीर भी देश-दुनिया में फैले और चहुंओर मथुरा के भव्यता की चर्चा हो। पर ये तब होगा, जब अयोध्या-काशी की तरह मथुरा में भव्य निर्माण कार्य को गति मिलेगी। ऐसे में ये स्पष्ट है कि सीएम योगी आदित्यनाथ का ये बयान लोगों को आकर्षित कर सकता है। इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में समीकरण भी बदल जाए, तो हैरान करने वाली बात नहीं होगी।