Mayawati: बसपा यानी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में अपने भतीजे आकाश आनंद के साथ अपनी पार्टी की ताकत दिखाते हुए बड़ा बयान दिया। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी संस्थापक कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि के मौके पर एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘बसपा आगामी यूपी विधानसभा चुनाव अकेली लड़ेगी। पूर्व में गठबंधनों से केवल सहयोगी दलों को ही फायदा हुआ है।’
Mayawati ने कहा- ‘गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ने पर हमें कोई खास फायदा नहीं हुआ’
‘Outlook’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बसपा मुखिया मायावती ने कहा, “अब तक के अपने अनुभव के आधार पर मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि जब भी हमारी पार्टी ने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा है, खासकर उत्तर प्रदेश में हमें कोई खास फायदा नहीं हुआ है।”
बसपा अध्यक्ष ने आगे कहा, “हमारी पार्टी के वोट एकतरफा गठबंधन सहयोगी को मिल जाते हैं, लेकिन उनकी जातिवादी मानसिकता के कारण, ऊंची जातियों के वोट बसपा उम्मीदवारों को नहीं मिलते। यही सच्चाई है। नतीजतन हमारे उम्मीदवार कम सीटें जीतते हैं और हमारा कुल वोट शेयर गिर जाता है।”
मायावती ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछे तीखे सवाल
लखनऊ में यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “1993 में जब बसपा ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, तो हमें केवल 67 सीटें मिली थीं। फिर 1996 में जब हमने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया, तो हमें केवल 67 सीटें मिलीं, जो पहले भी उतनी ही थीं।”
मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि अगर मान्यवर श्री कांशीराम साहब के प्रति इतना ही आदर सम्मान था, तो आपने मान्यवर श्री कांशीराम साहब जी के नाम पर रखे जिले का नाम बदलकर कासगंज क्यों कर दिया? यह इनका दोगला चरित्र नहीं है, तो क्या है?”
यूपी चुनावों में बढ़ सकती हैं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की दिक्कतें
मालूम हो कि बसपा मुखिया मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के यूथ नेता के तौर पर जनता के सामने उतार रही हैं। इस संबंध में पूर्व यूपी सीएम आकाश आनंद को लेकर आगामी दिनों में बड़ा ऐलान कर सकती हैं। माना जा रहा है कि मायावती के बाद बसपा के उत्तराधिकारी आकाश आनंद हो सकते हैं। वहीं, आगामी यूपी विधानसभा चुनावों में मायावती सपा मुखिया अखिलेश यादव की परेशानी बढ़ा सकती हैं।