Sambhal Excavation: महाकुंभ मेला की शुरुआत के बाद पश्चिमी यूपी के संभल जिले में हुई खुदाई का मामला थम सा गया है। हालांकि, प्राचीन व ऐतिहासिक धरोहरों का मिलना अब भी जारी है। स्थानीय डीएम राजेन्द्र पेंसिया ने एक बयान जारी कर बताया है कि प्रशासन को संभल एक्सवेशन के दौरान अब तक क्या-क्या मिला है। इसमें 17 महाकूप, 41 तीर्थ और हजारों वर्ष पुराने सिक्के का जिक्र है। इन सबसे इतर सवाल ये है कि संभल की जमीन तले और कितने राज़ दफन हैं? क्या Sambhal Excavation का दौर लंबा चलेगा? संभल में खुदाई के दौरान मिल रही वस्तुओं के संरक्षण के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी? ऐसे में आइए हम आपको इन सभी सवालों का जवाब देते हैं।
Sambhal Excavation के दौरान प्रशासन को अब तक क्या मिला?
जिलाधिकारी राजेन्द्र पेंसिया का कहना है कि “संभल में कुल 87 देव-तीर्थ हैं। उनमें से 5 को ‘महा-तीर्थ’ माना जाता है। 87 देव-तीर्थ में से 19 महाकूप हैं, जिनमें से 17 की खोज हो चुकी है। हमने 41 तीर्थों की खोज की है। संभल एक्सवेशन के दौरान मिलने वाली तीर्थों की संख्या बढ़ती जा रही है। महर्षि दधीचि आश्रम और अमरपति खेड़ा जैसे स्थान एक-दूसरे के करीब हैं और ASI द्वारा लगभग सात दशकों के बाद इस साइट की खोज की गई। हमने दोनों स्थलों का दौरा किया। Sambhal Excavation के दौरान कुछ सिक्के भी मिले हैं। खुदाई के दौरान मिले सिक्के 1200 ईस्वी, 1700 ईस्वी के हैं। इन सिक्कों पर ‘राम लक्ष्मण जानकी’ लिखा है। सरकार के आदेश पर खुदाई के दौरान मिलने वाली चीजों को संरक्षित करने के लिए एक संग्रहालय भी बनाया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि वस्तुएं संरक्षित रह सकें।”
संभल की जमीन तले और कितने राज़ हैं दफन?
संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीमें आवश्यकतानुसार कार्रवाई को अंजाम दे रही हैं। स्थानीय प्रशासन भी ASI को भरपूर सहयोग कर रहा है। स्थानीय लोगों से मिलने वाली शिकायतों के आधार पर एक्सवेशन की कार्रवाई हो रही है। Sambhal की जमीन तले और कितने राज़ दफन हैं, इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है। प्रशासन का कहना है कि प्राचीन इमारतों और धरोहरों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। तीर्थ स्थलों की खोज जारी है। निकट भविष्य में देखना दिलचस्प होगा कि कितने और धरोहर संभल की जमीन तले मिलते हैं।