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Sambhal Excavation: क्या जमींदोज होंगी ‘मस्जिद कमेटी’ की दुकानें? ‘सती मठ’ से अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन का सख्त रुख

Sambhal Excavation: संभल एसडीएम वंदना मिश्रा ने 'सती मठ' की जमीन पर हुए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। इसके अलावा संभल नगर कोतवाली के सामने स्थित मस्जिद कमेटी की दुकानों के अभिलेख जमा करने का निर्देश दिया गया है। कहा जा रहा है कि यदि जांच में अभिलेख में गड़बड़ी मिली तो दुकानों को जमींदोज भी किया जा सकता है।

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Sambhal Excavation
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Sambhal Excavation: संभल में सनातन परंपरा से जुड़ी प्राचीन विरासतों से लगातार अतिक्रमण हटवाने का काम किया जा रहा है। संभल एसडीएम वंदन मिश्रा ने इस संबंध आज एक और अहमि जानकारी दे दी है। संभल एक्सकेवेशन के बीच सुर्खियों में आई एसडीएम वंदना मिश्रा ने सती मठ पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देते हुए कहा है कि हम सर्वेक्षण कर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करेंगे। इसके साथ ही Sambhal Excavation के बीच चर्चा में आए नगर कोतवाली के सामने स्थित मस्जिद कमेटी की दुकानों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यदि जांच में कोई गड़बडी मिली तो फिर मस्जिद कमेटी की दुकानों को पर नियमानुसार कार्रवाई कर उन्हें जमींदोज किया जा सकता है।

Sambhal Excavation ‘सती मठ’ पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करेगा प्रशासन

एसडीएम वंदना मिश्रा की मौजूदगी में आज ‘सती मठ’ पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटवा दिया गया है। संभल एसडीएम ने कहा है कि “मुझे कल फोन पर सूचित किया गया था कि यहां एक सती मठ था, जिसमें एक मंदिर और क्षेत्र था। इस पर अब अतिक्रमण किया गया है और साजिश रची जा रही है। इसी कड़ी में अतिक्रमण विरोधी अभियान के हिस्से के रूप में ही हम एक सर्वेक्षण करेंगे और भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करेंगे। यह भूमि 80 वर्ग मीटर है, और आज हम इस मुद्दे को हल करने के लिए कार्रवाई करेंगे।”

क्या जमींदोज होंगी ‘मस्जिद कमेटी’ की दुकानें?

पश्चिमी यूपी के संभल में एक के बाद एक हुई खुदाई और प्राचीन प्रतीकों के सामने आने के बाद कई तरह के सवाल उठे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या संभल कोतवाली के सामने स्थित मस्जिद कमेटी की दुकानें जमींदोज कराई जाएंगी? ऐसा इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि कि इन दुकानों की वजह से मुख्य बाजार की सड़कें भी संकरी हो गई है। इन दुकानों के पुख्ता अभिलेख भी अभी तक नहीं मिले हैं। मस्जिद कमेट का दावा है कि दुकान की जमीन वक्फ की संपत्ति है जिसके दस्तावेज लखनऊ स्थित वक्फ बोर्ड में मौजूद हैं। ऐसे में कमेटी की ओर से अभिलेख जमा करने के लिए समय मांगा गया है। एसडीएम वंदना मिश्रा का कहना है कि मस्जिद कमेटी की ओर से अभिलेख पेश किए जाने के बाद जांच होगी। यदि जांच में गड़बडी मिली तो दुकानों को जमींदोज भी किया जा सकता है।

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