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CM Yogi Adityanath: लखनऊ में ब्रह्मोस, तो अमेठी में बन रहा AK-203 राइफल! जानें कैसे योगी सरकार की नीतियों ने यूपी को बनाया रक्षा निर्माण का हब

CM Yogi Adityanath के नेतृत्व वाली यूपी सरकार की नीतियों की बदौलत ही आज सूबा रक्षा निर्माण के हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।

CM Yogi Adityanath
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर सीएम योगी के कुशल नीतियों का परिणाम है। इसी बदलती तस्वीर की एक बानगी यूपी का रक्षा निर्माण के हब के रूप में परिवर्तित होना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की इस सफलता को लेकर जनता के समक्ष आए हैं। सीएम योगी के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर बताया गया है कि कैसे आज राजधानी लखनऊ में ब्रह्मोस और अमेठी में AK-203 असॉल्ट राइफल का निर्माण चल रहा है। इन हथियारों का इस्तेमाल भारतीय सेना उन नापाक मंसूबा रखने वालों के लिए करती है, जो देश की एकता, अखंडता के लिए खतरा हैं।

यूपी CM Yogi Adityanath की कुशल नीतियों से रक्षा निर्माण का हब बन रहा प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुशल नीतियों के कारण आज सूबे की तस्वीर बदल रही है। सीएम योगी ने इस सफलता का जिक्र करते हुए जनता के समक्ष रिपोर्ट कार्ड पेश किए है।

सीएम योगी के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण के साथ-साथ जनपद अमेठी में AK-203 का निर्माण हो रहा है। प्रदेश में वेब्ले स्कॉट रिवॉल्वर का निर्माण भी किया जा रहा है।” ये दर्शाता है कि कैसे यूपी अब रक्षा निर्माण का हब बन गया है। यूपी की बदलती तस्वीर न सिर्फ सेना की जरूरतों को पूरा कर रही है, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार का रास्ता भी खोल रही है। इससे रोजगार के तमाम अवसर पैदा हो रहे हैं।

डिफेंस कॉरिडोर के रूप में विकसित हो रहा यूपी

उत्तर प्रदेश वर्तमान में देश के प्रमुख डिफेंस कॉरिडोर के रूप में विकसित हो रहा है। आलम ये है कि 6 नोड्स पर कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं। राजधानी लखनऊ, झांसी, कानपुर, अलीगढ़, चित्रकूट और आगरा में विकसित हो रहे डिफेंस कॉरिडोर में भारतीय सेना के लिए हथियारों का निर्माण होगा। इससे इतर केन्द्र की कोशिश है कि रक्षा उत्पाद क्षेत्र में विदेशी निर्भरता को खत्म किया जाए और अन्य देशों की जरूरतें पूरी करने की दिशा में काम किया जाए। इससे जहां एक ओर ग्लोबल स्तर पर भारत की साख और मजबूत होगी, वहीं दूसरी ओर उद्योग के तमाम अवसर सृजित किए जा सकेंगे।

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