UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने रिटायर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए पेंशन में कटौती पर रोक लगा दी है, साथ ही कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह 3 महीने के अंदर इस मामले का निस्तारण करने का आदेश दिया है। यानि 3 महीने के अंदर सरकार की तरफ से इस मामले में एक रिपोर्ट पेश की जाएगी। मालूम हो कि रिटायर्ड कर्मचारियों ने कोर्ट में यह आवेदन दिया था। जिसके बाद से ही यह पूरा मामला गरमा गया और बात कोर्ट तक पहुंच गई है। हालांकि कोर्ट ने पूर्व कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए इस पर रोक लगा दी है, और राज्य सरकार को इसे लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल कर्मचारियों द्वारा लिए गए एडवांस पेंशन की भुगतान ब्याज समेत 10 साल 11 महीने में हो जाता है। वहीं इसपर मोटा-मोटी 11 साल का माना जाता है और अधिकतम 12 साल का माना जाता है। वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों का आरोप है, राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 15 साल कर दिया है, जो किसी भी तरह से उचित नहीं और यहीं वजह की पेंशन में कटौती की बात कही जा रही थी। वहीं अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में पूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार को एक कमेटी गठन करने का आदेश दिया है, साथ ही 3 महीने के अंदर मामले को निटारा करने का भी आदेश दे दिया है।
पूर्व कर्मचारियों ने इस मामले में क्या दी दलील? UP News
दरअसल कोर्ट के सामने पूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों की तरफ से दलील दी गई कि राज्य सरकार द्वारा 8 सितंबर 2008 को जारी एक आदेश के अनुसार मासिक कटौती को 15 साल कर दी गई है जो बिल्कुल उचित नहीं है। साथ ही वित्त विभाग की तरफ से जानकारी दी गई कि याचिकाओं की समस्या के निवारण के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इस पूरे प्रकरण के बाद कोर्ट ने आदेश दिया माह के भीतर आवेदकों के प्रत्यावेदनों को निस्तारित करने का आदेश दिया। साथ ही पेंशन में किसी प्रकार की कटौती नहींं की जाए। बता दें कि इस आदेश के बाद से ही पूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों के चेहरे खुशी से किल उठें (UP News)।