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Uttarakhand में HIV का कहर, सैकड़ों लोगों के पॉजिटिव मिलने से मचा हड़कंप; यहां जाने बिमारी से बचने के अचूक उपाय

Uttarakhand HIV Cases: एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुन हरिद्वार से हल्द्वानी तक हड़कंप मचा है। दरअसल, हल्द्वानी में जहां एक ओर HIV AIDS के मामले तेजी से बढ़े हैं। वहीं हरिद्वार जेल में बंद दर्जनों कैदियों में भी एचआईवी एड्स की पुष्टि हुई है।

Uttarakhand HIV Cases
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Uttarakhand HIV Cases: एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुन कईयों की नींद उड़ सकती हैं और बेचैनी बढ़ सकती है। दरअसल, मामला है ही कुछ ऐसा कि सुनकर इंसान दंग रह जाए। उत्तराखंड में एचआईवी एड्स के मामले तेजी से बढ़े हैं। हल्द्वानी में स्थित सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक जनवरी 2024 से मार्च 2025 तक 477 नए मरीज HIV पॉजिटिव पाए गए हैं। Uttarakhand HIV Cases के बढ़ते मामले इस लिहाज से भी चिंताजनक हैं क्योंकि इसकी ज़द में कारागार में सजा काट रहे कैदी भी हैं। ये जिम्मेदारों की लापरवाही को दर्शाता है। इस पूरे एपिसोड में डॉक्टरों के परामर्श पर सबकी नजरें हैं। कैसे इस बिमारी से बचा जा सकता है हम आपको इसके बारे में डॉक्टरों की राय बताने की कोशिश करेंगे।

Uttarakhand HIV Cases सैकड़ों लोगों के पॉजिटिव मिलने से मचा हड़कंप

मिली जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में एचआईवी एड्स के मामले तेजी से बढ़े हैं। हल्द्वानी में जहां एक ओर जनवरी 2024 से मार्च 2025 तक 477 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। वहीं हरिद्वार जेल में 23 कैदी HIV पॉजिटिव पाए गए हैं। इस पूरे प्रकरण के बाद जिला मजिस्ट्रेट चौकन्ने हो गए हैं और जेल प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। स्थिति ऐसी है कि हरिद्वार जेल से लेकर हल्द्वानी तक हड़कंप की स्थिति है। लोग जहां-तहां HIV AIDS के बढ़ते मामलों की चर्चा कर रहे हैं। Uttarakhand HIV Cases लोगों के बीच भय का माहौल पैदा कर रहा है और लोग इससे बचने पर चर्चा कर रहे हैं।

एचआईवी एड्स संक्रमण से बचने का अचूक उपाय

ये कोई रॉकेट साइंस नहीं है जिसे समझना और उस पर अमल करना बेहद कठिन होगा। इसके बारे में लगभग सभी को पता होगा, लेकिन लोग बातों का ख्याल नहीं रखते। डॉक्टरों के मुताबिक एक ही सिरिंज से लगातार ड्रग्स का इस्तेमाल और असुरक्षित यौन संबंध बनाना इसका प्रमुख कारण है। इससे बचें। ये दोनों HIV AIDS प्रसार के कारक हैं। खास बात है कि लोक-लाज या समाज के भय से लोग इसका इलाज कराने से कतराते हैं। फिर ये बिमारी लाइलाज हो जाती है। ऐसे में अगर किसी को एचआईवी एड्स के लक्षण दिखें तो जांच कर पुष्टि करा लें और फिर किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर इलाज शुरू करें। इसके साथ ही असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें। इस बिमारी से बचने के लिए यही एक मुख्य रास्ता है।

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