Uttarakhand News: सूबे में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार लगातार नए प्रयास करती नजर आती है। इसी क्रम में अब ऑटोमेटेड ग्रीन टैक्स सिस्टम की शुरुआत हुई है। ये टैक्स प्रणाली राज्य के बाहर से आने वाले पर्यटकों या कारोबारियों के लिए कारगर साबित होगी। उत्तराखंड के बाहर से आने वाले ऐसे पर्यटक या लोग जो अपने निजी वाहनों से राज्य में एंट्री करेंगे उन्हें ग्रीन टैक्स देना होगा।
हालांकि, ये टैक्स पॉकेट फ्रेंडली है और इसका असर जोरदार है। सरकार ग्रीन टैक्स वसूली के लिए मैन्युअल टोल बूथ हटाकर और रियल-टाइम डिजिटल टैक्स कलेक्शन अपना रही है जो पहाड़ी रास्तों पर ट्रैफिक जाम जैसी बड़ी समस्या से निजात दिलाएगा। साथ ही टैक्स की हेराफेरी पर लगाम लगेगा जिससे उत्तराखंड में पर्यटन को रफ्तार मिलने की संभावना है।
पर्यटकों के लिए कारगर साबित होगी ग्रीन टैक्स प्रणाली! – Uttarakhand News
उत्तराखंड सरकार की ओर से खास पहल की गई है। इसके तहत सूबे के बाहर से आने वाले सभी वाहनों पर 1 दिसंबर 2025 से ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा। ग्रीन टैक्स की ये दर वाहनों की साइज और प्रकार पर निर्भर करेगी। इसके तहत छोटे प्राइवेट वाहनों के लिए 80, छोटे मालवाहक वाहनों के लिए 250, बसों के लिए 140, ट्रकों के लिए 120 रु से 700 तक (वजन के हिसाब से) की दर तय की गई है। इसका आशय है कि वाहन जितना बड़ा होगा, टैक्स की रकम उतनी ज्यादा होगी।
ऐसे पर्यटक, कारोबारी या अन्य लोग जो अपने निजी वाहनों से उत्तराखंड में प्रवेश करते हैं उन्हें टैक्स की ये रकम अदा करनी होगी। टैक्स प्रणाली पेंचीदा ना हो इसके लिए ऑटोमेटेड डिजिटल टैक्स सिस्टम शुरू की जा रही है, जो ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकोग्नाइजेशन कैमरों की मदद से काम करेगा। राज्य के सभी 37 बॉर्डर एंट्री पॉइंट्स पर ये कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि बाहरी वाहनों के प्रवेश के साथ ही ग्रीन टैक्स की रकम कट जाए और किसी तरह की झिक-झिक ना हो। इससे ट्रैफिक जाम के साथ टैक्स हेराफेरी में राहत मिलेगी।
पर्यावरण को संरक्षित करना सरकार का लक्ष्य
धामी सरकार पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में ये फैसला ले रही है। दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। आलम ये है कि दक्षिण भारत के राज्यों से लेकर यूपी, दिल्ली, हरियाणा, एमपी, राजस्थान, हिमाचल समेत अन्य तमाम राज्यों के लोग अपने निजी वाहनों से उत्तराखंड में प्रवेश कर रहे हैं। पहाड़ी इलाकों में पर्यटकों की संख्या बढ़ने से प्रदूषण के साथ पर्यावरण को क्षति पहुंचती है। यही वजह है कि धामी सरकार ने ग्रीन टैक्स लागू कर उत्तराखंड में प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में कदम बढ़ाया है, ताकि पर्यावरण संरक्षित रहे और लोग ताजी हवा में सांस ले सकें।






