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Vladimir Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति के दौरे से अखिलेश यादव के करीबी सांसद भी गदगद! विदेश नीति को लेकर खींच दी लकीर

Vladimir Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे को लेकर सपा सांसद राजीव राय भी गदगद नजर आए। अखिलेश यादव के करीबी सांसद ने भारत की विदेश नीति को लेकर भी अपनी राय रखी है।

Vladimir Putin India Visit
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Vladimir Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे को लेकर विपक्ष का रुख थोड़ा अलग है। राहुल गांधी, प्रियंता गांधी समेत तमाम विपक्षी नेता अपने-अपने तर्क पेश कर व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर पक्ष रख रहे हैं। इस बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी सांसद राजीव राय की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। घोसी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राजीव राय व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे को लेकर गदगद नजर आ रहे हैं। उन्होंने विदेश नीति को लेकर नई लकीर खींचते हुए रूसी राष्ट्रपति के दौरे को स्वागत योग्य बताया है। राजीव राय ने भारत-रूस के बीच ऐतिहासिक मित्रता का जिक्र करते हुए अपना पक्ष रखा है जिसको लेकर खूब चर्चा हो रही है।

सपा सांसद राजीव राय की Vladimir Putin India Visit पर प्रतिक्रिया

शीतकालीन सत्र का हिस्सा बनने नई दिल्ली पहुंचे सपा सांसद ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर प्रतिक्रिया दी है।

राजीव राय का कहना है कि “इन भू-राजनीतिक घटनाक्रमों में, नई दोस्तियाँ बनती हैं और पुरानी कभी-कभी टूट जाती हैं, लेकिन रूस हमेशा से हमारा ऐतिहासिक मित्र रहा है। जब भी हमें ज़रूरत पड़ी, वह हमारे साथ खड़ा रहा है। मुझे उम्मीद है कि उनकी यात्रा हमारे संबंधों को और मज़बूत करेगी और विदेश नीति, जो कुछ समय के लिए नए दोस्त बनाने की चाह में कुछ हद तक भटक गई थी। सत्ता में बैठे लोग और विदेश मंत्रालय में बैठे लोग अब यह समझेंगे कि पुराने दोस्तों पर निर्भर रहना, नए दोस्तों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करने से कहीं बेहतर है।”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी व्लादिमीर पुतिन के दौरे पर रखे विचार

बागी रुख अपनाए हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे पर विचार रखे हैं।

शशि थरूर ने कहा है कि “यह बेहद महत्वपूर्ण है। यह एक महत्वपूर्ण रिश्ता है, और लंबे समय से रहा है। आज की अशांत दुनिया में, जहाँ कई रिश्ते अनिश्चित हो गए हैं, हमारे मौजूदा रिश्तों को मजबूत करना जरूरी हो जाता है। किसी को यह गलतफ़हमी नहीं होनी चाहिए कि इसका असर दूसरे देशों के साथ हमारे रिश्तों पर पड़ेगा, क्योंकि भारत में विभिन्न सरकारों के साथ स्वतंत्र संबंध रखने की क्षमता है। हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जिसने हमेशा संप्रभु स्वायत्तता में विश्वास किया है। अपनी मित्रता, अपनी साझेदारियों और अपने राष्ट्रीय हितों को तय करने की हमारी स्वायत्तता हमारे डीएनए में समाहित है।” कांग्रेस सांसद की ये प्रतिक्रिया सुर्खियों में है।

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