Monday, May 19, 2025
Homeख़ास खबरेंआखिर क्यों Atal Bihari Vajpayee ने की थी RSS की आलोचना? हिन्दू...

आखिर क्यों Atal Bihari Vajpayee ने की थी RSS की आलोचना? हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा को लेकर क्या बोल गए थे पूर्व PM?

Date:

Related stories

Atal Bihari Vajpayee: ‘आरएसएस को औपचारिक रूप से हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को छोड़कर, भारतीय राष्ट्र की अवधारणा को अपना लेना चाहिए।’ यह कथन उस शख्स के हैं जो कभी RSS की शाखाओं में हिंदू तन मन हिंदू जीवन रग-रग हिंदू मेरा परिचय बड़े ही बुलंद आवाज में गाया करता था। वही शख्स आगे चल कर प्रधानमंत्री की शपथ लेने और पहले गैर कोंग्रेसी के रूप में कार्यकाल पूरा करने वाला पीएम बना। यहां बात हो रही है पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की।

आज 25 दिसंबर, 2024 को अटल बिहारी बाजपेयी की 100वीं जन्म जयंती (Atal Bihari Vajpayee 100th Birth Anniversary) है। BJP इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में बना रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक यात्रा, उनके निजी जीवन व अन्य कई पहलुओं से जुड़े किस्से साझा किए जा रहे हैं। ऐसे में हम भी आपको अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा एक किस्सा बताएंगे जब अपने एकमात्र लेख में उन्होंने आरएसएस की आलोचना कर दी थी।

इंदिरा गांधी की सधी चाल से फेल हुआ जनता पार्टी का प्रयोग!

1980 के उत्तरार्ध का वो दौर देश की सियासत के लिहाज से बेहद अहम था। आपातकाल के बाद आम चुनाव हुए, देश की जनता ने इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को सत्ता से उखाड़ फेका और देश की कमान जनता पार्टी को सौंपी। जनता पार्टी बेमेल विचारधाराओं रूपी वो नाव थी जिसके पलटने का अंदाजा सबको लग चुका था, हुआ भी वही। पहले चौधरी चरण सिंह और कुछ अन्य नेताओं के अलग होने से जनता पार्टी कमजोर हुई और मोरारजी सरकार अल्पमत में आ गयी। फिर इंदिरा गांधी के समर्थन से चौधरी चरण सिंह PM बने। हालांकि इंदिरा गांधी ने अपना दांव चलते हुए चरण सिंह सरकार से समर्थन वापस लिया और देश में अगले चुनाव की घोषणा हो गई है। इंदिरा गांधी की इस सधी चाल से जनता पार्टी का प्रयोग भी खत्म हो गया।

Atal Bihari Vajpayee ने की थी RSS की आलोचना

जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) खूब निराश हुए। संगठन को एकता देने के लिए जाने जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी जनता पार्टी को एक साझा सूत्र में नही पिरो सके थे। ऐसे में जनता पार्टी सरकार गिरने के बाद वाजपेयी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार में “ऑल रेस्पोंसिबल फ़ॉर दी जनता क्राइसिस” नाम से एक लेख लिखा। पूर्व पीएम वाजपेयी (Former PM Atal Bihari Vajpayee) ने अपने उसी लेख में लिखा था कि ‘आरएसएस को यह दिखाने का अधिक प्रयास करना चाहिए था कि उन्हें राजनीतिक भूमिका की चाहत नहीं है।’

वाजपेयी ने एकमात्र बार संघ की आलोचना करते हुए ये तक कह दिया था कि “आरएसएस को औपचारिक रूप से हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा छोड़ भारतीय राष्ट्र की अवधारणा अपना लेनी चाहिए।” वाजपेयी की इस लेख के बाद सियासत में खूब घमासान भी मचा था। हालांकि, उन्होंने दोहरी सदस्यता विवाद के बीच जनता पार्टी को छोड़ संघ का साथ थामे रखा।

नोट– अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा आरएसएस की आलोचना से जुड़ा ये किस्सा लेखक विनय सीतापति की किताब ‘जुगलबंदी’ से लिया गया है।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

Latest stories