मंगलवार, नवम्बर 11, 2025
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Palak Muchhal बनी असहाय बच्चों की जीवनदायिनी, बचपन के इस सपने ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दिलाई जगह

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Palak Muchhal: मेरी आशिकी, प्रेम रतन धन पायो जैसे सुपरहिट गानों को आवाज देने वाली पलक मुच्छल की आवाज की दुनिया दीवानी है लेकिन इस सब के बीच सिंगर ने 3800 से ज्यादा दिलों को बचाने का काम किया। यही वजह है कि आज वह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपने नाम को दर्ज करने में कामयाब हुई है। क्या आपको पता है कि सिंगर ने यह सपना बचपन में ही देखा था जब उनकी नजर ट्रेन में गरीब बच्चों पर पड़ी थी। आइए जानते हैं कैसे सुरों की मल्लिका आज हजारों लाखों लोगों के लिए इंस्पिरेशन बन चुकी है और कैसे वह सदियों तक याद रखी जाएगी।

किस उपलब्धि की वजह से Palak Muchhal हुई गिनीज रिकॉर्ड में शामिल

बता दे कि पलक मुच्छल 3800 से ज्यादा बच्चों की हार्ट सर्जरी करवा चुकी है और ऐसे में गरीब बच्चों के लिए मचिहा बनी है। पलक पलाश चैरिटेबल फाउंडेशन के जरिए इन गरीब बच्चों की हार्ट की सर्जरी हुई है और ऐसे में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक रिकॉर्ड में पलक मुच्छल की इस उपलब्धि को दर्ज किया गया है।

समाज सेवा करने में पीछे नहीं रही है पलक मुच्छल

पलक मुच्छल का नाम आज भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में चर्चा में है लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने यह सपना बचपन में ही देखा था। कहा जाता है कि बचपन में ट्रेन में गरीब बच्चों को देखकर उन्होंने यह मदद करने की ठान चुकी थी। इसके अलावा उन्होंने 1999 में कारगिल शहीद परिवारों के लिए फंड जुटाने के साथ 2001 में गुजरात भूकंप पीड़ितों के लिए 10 लाख रुपए देने का ऐलान किया था। अपने हर समाज सेवा के लिए वह हर बार चर्चा में रही है।

पलक पलाश चैरिटेबल फाउंडेशन में सिंगर का योगदान

वहीं पलक मुच्छल की इस लाइफ सेविंग अचीवमेंट को लेकर हर तरह चर्चा हो रही है। कभी अपने स्टेज शो की कमाई तो कभी अपनी सेविंग्स तक इस फाउंडेशन में उन्होंने लगाई है। यही वजह है कि आज भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में उनका नाम दर्ज हो चुका है। कहा जाता है कि पलक और उनके भाई पलाश हर सेविंग्स को इन गरीब बच्चों की जान बचाने में लगाते थे। पलक मुच्छल की कमाई का एक बड़ा हिस्सा पलक पलाश चैरिटेबल फाउंडेशन में जाता है और उनके पति मिथुन हर कदम पर उनका साथ देते हैं।

Anjali Wala
Anjali Walahttp://www.dnpindiahindi.in
अंजलि वाला पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, अंजलि DNP India वेब साइट में बतौर Sub Editor काम कर रही हैं। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है।

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