Diabetes: अगर आपका भी सुबह के समय शुगर का लेवल बढ़ा हुआ रहता है तो इसका कारण आपको जरुर पता होना चाहिए. सुबह की फास्टिंग 150 या 160 ज्यादा हेल्थ के लिए अच्छा नहीं होता है. लोगों में ये शिकायत रहती है कि, शुगर की दवाई खाने के बाद भी उनकी डायबिटिज बढ़ी हुई आती है. इसे कंट्रोल करने की जानकारी डॉक्टर के द्वारा दी जा रही है. वो बता रही है कि, ऐसा क्यों होता है? इसके साथ ही वो इसे कंट्रोल करने का तरीका भी बता रही है.
सुबह की फास्टिंग क्यों बढ़ी हुई आती है?
सोशल मीडिया पर डॉक्टर कृष्णा प्रशांति फास्टिंग शुगर के बढ़े हुए लेवल के बारे में बता रही हैं. उनका कहना है कि, सुबह फास्टिंग 150 से 160 आ रही है। जबकि रात में सब कुछ ठीक था। यह बहुत पेशेंट्स का सेम कंप्लेंट है।
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डिनर, अर्ली वॉक भी किया फिर भी सुबह ग्लूकोमीटर का रीडिंग ज्यादा है। असल में यह आपके गलती नहीं होता है, ये बॉडी का एक फिक्स्ड पैटर्न रहता है। यह पैटर्न को समझने से एक रूटीन फॉलो करने से शुगर रीडिंग्स खुद ही कम हो जाता है। बिना दवा बदले। क्यों बढ़ती है सुबह की शुगर? सुबह की रीडिंग हमेशा डिनर की गलती नहीं होता है। भोरे 3 से 5:00 बजे हमारे शरीर में दो हॉर्मोंस रिलीज होते हैं। कॉर्टिसॉल और ग्रोथ हॉर्मोन का काम यह है कि लीवर को सिग्नल देता है थोड़ा सा ग्लूकोस रिलीज करने के लिए। हेल्दी पर्सन मेंं यह ग्लूकोस खर्च हो जाता है। डायबिटिक या प्री-डायबिटिक में इंसुलिन रेसिस्टेंस है, जिसकी वजह से यह ग्लूकोस खर्च नहीं होता है और शुगर हाई हो जाता है।
Diabetes कंट्रोल करने का तरीका
सुबह की शुरुआत शुगर का कंट्रोल डिसाइड करती है। इसके लिए उठकर थोड़ा सा पानी, हल्का स्ट्रेचिंग,बॉडी सेटल हो जाती है. ब्रेकफास्ट में सबसे कॉमन गलती प्योर कार्ब्स लेना। रोटी या परांठा। इसमें कार्बोहाइड्रेट ज्यादा रहता है और इंसुलिन पे ओवरलोड हो जाता है.उसी प्लेट में थोड़ा प्रोटीन जोड़ दीजिए। जैसे दही या अंडा या दाल। ग्लूकोस राइज स्मूथ हो जाता है. अब दिन भर का पैटर्न सबसे कॉमन समस्या है ज्यादा देर तक बैठे रहना। इसीलिए 30 मिनट टहलना चाहिए. इससे शुगर कंट्रोल रहता है. इसके साथ ही शाम को जल्दी हल्का खाना लें. इसके साथ 20 मिनट तक टहलना है. फिर टाइम पर सोना है. इससे शुगर कंट्रोल करेगा.
Disclaimer: यह लेख और इसमें दी गई चिकित्सीय परामर्श केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से किसी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इस लेख में बताए गए तरीकों और दावों को केवल सुझाव माना जाना चाहिए; डीएनपी इंडिया हिंदी न तो इनकी पुष्टि करता है और न ही खंडन करता है। ऐसे किसी भी सुझाव/उपचार/दवा/आहार का पालन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।






