Delhi CM Face: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। बीजेपी की प्रचंड जीत ने बहुमत का आंकड़ा पार कर नया रिकॉर्ड बनाया है। चुनाव नतीजे आए तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन बीजेपी ने अभी तक Delhi का मुख्यमंत्री घोषित नहीं किया है। इसके पीछे कई वजहें हैं।
इस पर हम आगे चर्चा करेंगे। इससे पहले हमें यह जानना होगा कि Delhi CM Face की रेस में कौन-कौन नेता शामिल हैं। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि इन नामों के पीछे BJP की आगामी रणनीति क्या है?
राजधानी का CM कौन बनेगा?
दिल्ली में मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल सभी 48 विधायक विधानसभा चुनाव में भाजपा को मजबूत आधार देने में सफल रहे हैं। हालांकि, Delhi CM किसे बनाया जाए, इसको लेकर संभावनाओं का बाजार गर्म है। इसके पीछे BJP की बड़ी रणनीति है। जो पिछले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद यह देखने को मिला है।
जानकारों की मानें तो BJP मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करते समय समाज और जाति को बड़ा फैक्टर मानती रही है। बहरहाल, इन दिनों मीडिया में सबसे पहला नाम प्रवेश वर्मा का चल रहा है। आइये जानते हैं Delhi CM Face की रेस में किसका नाम सबसे आगे चल रहा है।
- प्रवेश वर्मा– प्रवेश का नाम ताकतवर जाट नेताओं की लिस्ट में शामिल है। ग्रामीण इलाकों से उनका सीधा जुड़ाव रहा है। इसका फायदा विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी को भी मिला है। जब बाहरी दिल्ली की सातों सीटों पर कमल खिला था।
इस लिहाज से Pravesh Verma दिल्ली के मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। इसके अलावा वे पीएम मोदी और अमित शाह के करीबी नेताओं में शामिल हैं। वहीं, सवाल यह भी है कि क्या Pravesh Verma दिल्ली प्रदेश के नेताओं के बीच प्रासंगिक हैं?
- सतीश उपाध्याय: दिल्ली में मुख्यमंत्री की दौड़ में जिस दूसरे नेता की चर्चा हो रही है, वे हैं सतीश उपाध्याय। उन्हें ब्राह्मण चेहरा होने के साथ-साथ दिल्ली की राजनीति में अनुभवी होने का लाभ मिल सकता है।
सतीश उपाध्याय दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वे दिल्ली युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। उन्हें एनडीएमसी में भी काम करने का अनुभव है। वे यहां उपाध्यक्ष के पद पर काम कर चुके हैं।
Satish Upadhyay भाजपा में सांगठनिक मजबूती के लिए काम करते रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कई जिम्मेदारियां संभाली हैं। वे मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के सह प्रभारी के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्हें RSS का करीबी माना जाता रहा है। इस अलावा उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है।
- रेखा गुप्ता: दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री की मांग जोर पकड़ रही है। वह भी ऐसे समय में जब देश के विभिन्न BJP शासित राज्यों में कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं है। ऐसे में भाजपा दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर इन सभी सवालों पर विराम लगा सकती है।
इनमें शालीमार बाग से विधानसभा चुनाव जीतने वाली Rekha Gupta का नाम सबसे आगे चल रहा है। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी बंदना कुमारी को 29595 वोटों से हराकर जीत हासिल की है।
मालूम हो कि स्वयंसेवक संघ से Rekha Gupta का जुड़ाव भी उन्हें मुख्यमंत्री की दौड़ में आगे रखता है। साथ ही अपने लंबे राजनीतिक अनुभव के चलते वह BJP आलाकमान की पसंदीदा बन सकती हैं। रेखा गुप्ता बनिया समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। Delhi के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल भी इसी समुदाय से संबंध रखते हैं।
ऐसे में भाजपा वैश्य वोट बैंक पर पकड़ बनाने के लिए रेखा गुप्ता को भी मुख्यमंत्री के नाम के लिए आगे कर सकती है। एक और बड़ी बात यह है कि दिल्ली की राजनीति में तीन महिला CM रही हैं। इनमें दिवंगत सुषमा स्वराज, दिवंगत शीला दीक्षित और आम आदमी पार्टी की Atishi Marlena का नाम शामिल है।
CM की रेस में कौन-कौन नेता शामिल?
आपको दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की रेस में ऊपर चर्चा किए गए नामों के अलावा मनोज तिवारी, हर्ष मल्होत्रा, विजेंद्र गुप्ता, नीलम पहलवान, पूनम शर्मा और बांसुरी स्वराज भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार नजर आ रहे हैं। हालांकि सबकी निगाहें भाजपा आलाकमान के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।
सांसद Manoj Tiwari पर भाजपा बड़ा दांव खेल सकती है। तिवारी के सहारे देश की राजधानी में पहले से मौजूद 25 फीसदी पूर्वांचल वोटरों पर मजबूत पकड़ बनाई जा सकती है। साथ ही इस साल के अंत में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा मनोज तिवारी के नाम पर फ्रंटफुट पर स्ट्रोक लगा सकती है।
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