Mamta Banerjee: हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग पर हमलावर रही है। आयोग द्वारा मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों को खारिज करने के बाद, टीएमसी ने आयोग पर “भाजपा का चुनाव-धांधली विभाग” होने का आरोप लगाया है। Mamta Banerjee के नेतृत्व वाली पार्टी ने चुनाव आयोग पर बड़े पैमाने पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाया और कहा, “भाजपा ने विभिन्न राज्यों में मतदाताओं को डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र EPIC नंबर देकर चुनावों में धांधली करने की कोशिश की।” TMC का कहना है कि महाराष्ट्र और दिल्ली में इन रणनीतियों का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया। तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि पश्चिम बंगाल में इसका पर्दाफाश हो चुका है, जिसके कारण आगे धांधली संभव नहीं होगी।
Mamta Banerjee ने ईसी पर लगाया आरोप
मालूम हो कि ईपीआईसी नंबरों में डुप्लीकेसी का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने BJP पर अगले साल बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की Voter ID सूची में फर्जी मतदाताओं को जोड़ने के लिए चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, “मेरे पास पश्चिम बंगाल के सभी जिलों से सबूत हैं। हरियाणा और गुजरात के लोगों के नाम पश्चिम बंगाल के निवासियों के समान EPIC नंबर पर दिखाई दे रहे हैं। फर्जी मतदाताओं को ऑनलाइन जोड़ा गया है।”
Election Commission ने बताया कैसे हुई ये गलती
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने ममता के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “कुछ मतदाताओं का इलेक्टर्स फोटो पहचान पत्र नंबर एक ही हो सकता है। लेकिन उनके जनसांख्यिकीय विवरण, विधानसभा क्षेत्र और मतदान केंद्र की जानकारी अलग-अलग होगी। एक ही EPIC नंबर के बावजूद कोई भी मतदाता अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के निर्धारित मतदान केंद्र पर ही वोट कर सकता है। जहां उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है। इसके अलावा वह कहीं और वोट नहीं कर सकता है।”
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मामले को तूल पकड़ता देख चुनाव आयोग इसे ठीक करने की कोशिश में जुटा है। इसलिए अब Election Commission ने ऐसे मतदाताओं को यूनिक ईपीआईसी नंबर का आवंटन सुनिश्चित करने का फैसला किया है। यूनिक EPIC नंबर आवंटित कर डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबर के हर मामले को ठीक करने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए ERONET 2.0 प्लेटफॉर्म को अपडेट करने की तैयारी जोरों पर है।