Home ख़ास खबरें India-EU Relation से भारत को क्या मिलेगा फायदा? Ursula von der Leyen...

India-EU Relation से भारत को क्या मिलेगा फायदा? Ursula von der Leyen के बयानों से भारत का जिगरी यार क्यों हुआ परेशान? जानें सबकुछ

EU chief Ursula von der Leyen: यूरोपीय संघ के नई दिल्ली दौरे के बाद इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि इस बैठक से भारत को क्या लाभ मिलेगा। हालांकि इन सभी सवालों का जवाब खुद उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने थिंक टैंक को संबोधित करते हुए दिया है। ईयू प्रमुख ने कहा, "ईयू जापान और दक्षिण कोरिया के साथ अपनी साझेदारी की तर्ज पर भारत के साथ भविष्य के रक्षा समझौते की संभावना तलाश रहा है।"

EU chief Ursula von der Leyen and PM Modi Pic Credits: ANI
EU chief Ursula von der Leyen and PM Modi Pic Credits: ANI

EU chief Ursula von der Leyen: भारत और यूरोपीय संघ एक मजबूत व्यापार समझौते की ओर तेजी से आगे बढ़ते दिख रहे हैं। इसकी शुरुआत गुरुवार को यूरोपीय संघ (ईयू) प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन के नई दिल्ली पहुंचने से हुई। दिल्ली एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की।

साथ ही वे व्यापार, निवेश, तकनीकी सहयोग और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर द्विपक्षीय वार्ता का हिस्सा बनीं। भारत दौरे पर EU chief Ursula von der Leyen ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, “संघर्ष और कड़ी प्रतिस्पर्धा के समय में भरोसेमंद दोस्तों की जरूरत होती है और भारत यूरोप के लिए ऐसा ही दोस्त और रणनीतिक सहयोगी है।”

यूरोपीय संघ से भारत को यह मिलने वाला है लाभ

यूरोपीय संघ के नई दिल्ली दौरे के बाद इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि इस बैठक से भारत को क्या लाभ मिलेगा। हालांकि इन सभी सवालों का जवाब खुद उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने थिंक टैंक को संबोधित करते हुए दिया है। ईयू प्रमुख ने कहा, “ईयू जापान और दक्षिण कोरिया के साथ अपनी साझेदारी की तर्ज पर भारत के साथ भविष्य के रक्षा समझौते की संभावना तलाश रहा है।”

मालूम हो कि यूरोपीय संघ President Ursula von der Leyen की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी व्यापक वार्ता से पहले आई है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक ईयू का भारत दौरा विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित है। इनमें मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन रोकना शामिल है। इसके अलावा इसमें ईयू और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत को आगे बढ़ाना भी शामिल है।

यूरोपीय संघ ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया

उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने वर्तमान समय को European Commission और भारत की रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का सही समय बताया है। वे आगे कहती हैं, “यह हमारे सहयोग पर सीमाएँ लगाने का समय नहीं है। यह क्षेत्रीय या वैश्विक चिंता के हर मुद्दे पर आम सहमति बनाने में उलझने का समय नहीं है। यह व्यावहारिक और महत्वाकांक्षी होने और आज की वास्तविकताओं के अनुरूप अपनी प्राथमिकताओं को फिर से संरेखित करने का समय है।”

समाचार एजेंसी एएनआई ने एक्स पर यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बयान का एक संक्षिप्त अंश साझा करते हुए लिखा, “भारत तेजी से अनिश्चित होती दुनिया में यूरोप के लिए निश्चितता का स्तंभ है: EU chief Ursula von der Leyen” वहीं, PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि “भारत और यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक साझेदारी का आधार विश्वास, लोकतांत्रिक मूल्यों में साझा विश्वास और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता है।”

ये भी पढ़ें: Sarkari Naukri: उत्तर प्रदेश में सैकड़ों पदों पर भर्ती के लिए आवेदन शुरू; सैलरी 50 से 58 हजार, अभी करें अप्लाई

Exit mobile version