Budget 2025: देश की निगाहें मोदी 3.0 के आगामी बजट पर टिकी हैं। चर्चाओं का बाजार गर्म है। सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने का सभी को बेसब्री से इंतजार है। कुछ मायनों में यह सत्र खास होने वाला है। कहा जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार Budget Session 2025 में नया आयकर अधिनियम लाने की तैयारी में जुटी है।
अब सिर्फ औपचारिकताएं ही बाकी हैं। हालांकि, नए साल में इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन पिछले साल जुलाई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कुछ अहम बातें कही थीं। जिससे बजट सत्र 2025 में New Income Tax Bill के आने की संभावनाओं को बल मिला है।
इसमें उन्होंने कहा था कि अगले छह महीनों के दौरान Income Tax Act, 1961 की व्यापक समीक्षा की जाएगी। इसके लिए CBDT ने विधिवत एक आंतरिक समिति का गठन किया था। कहा गया था कि इनसे जुड़ी कानूनी पेचीदगियों को समझने और उन पर चर्चा करने के लिए 22 उप-समितियां गठित की गई है।
बजट सत्र में नए आयकर कानून पर रहेगी नजर
आपको बता दें कि संसद का बजट सत्र 2025 इस साल 31 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। यह 4 अप्रैल 2025 को समाप्त होगा। सत्र की शुरुआत पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी। इसके बाद सदन में Economic Survey पेश किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में 1 फरवरी को Union Budget 2025 पेश किया जाएगा। जो वित्त वर्ष 2025-26 का रहने वाला है। इसके अलावा बजट सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च से 4 अप्रैल तक संसद में चलेगा। वहीं, इन सबके बीच इस बात की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है कि इस साल के बजट सत्र में नया आयकर अधिनियम पेश किया जाएगा या नहीं।
लेकिन सूत्रों के हवाले से इसे लेकर लगातार बातें होती रही हैं। जो मीडिया की नजरों में सुर्खियों का केंद्र रही हैं। सूत्रों की मानें तो New Income Tax Bill 2025 को बजट सत्र के दूसरे चरण में यानी 10 मार्च से 4 अप्रैल के बीच पेश किए जाने की संभावना है।
गौर करने वाली बात यह होगी कि अगर यह विधेयक Budget Session 2025 में लाया जाता है तो यह न सिर्फ मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 में संशोधन होगा, बल्कि इसमें बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। मौजूदा स्थिति यह है कि नए आयकर अधिनियम के लिए तैयार किए गए मसौदे को फिलहाल कानून मंत्रालय द्वारा समीक्षाधीन बताया जा रहा है।
नए आयकर कानून में ये होंगी अहम बातें
जब भी केंद्र सरकार का नया आयकर कानून आएगा, उसे समझने से पहले आयकर अधिनियम, 1961 के उन सभी पहलुओं पर चर्चा करना जरूरी होगा। इस अधिनियम में 298 धाराएं और 14 अनुसूचियां हैं। जो देश में 1 अप्रैल 1962 को अस्तित्व में आया था।
इस कानून का उद्देश्य करदाताओं, कर ऋण आदि के मामलों में व्यापक पारदर्शिता और सरलता के मद्देनजर अपील, दंड और कानूनी परेशानियों की पहचान करना भी रहा है। फिलहाल New Income Tax Bill 2025 के अस्तित्व में आने के बाद कई चीजें सरल होने की संभावना है। फिलहाल इस बात पर बहस चल रही है कि नए आयकर कानून में क्या-क्या बदलाव होंगे और यह आम नागरिकों के लिए कितना कारगर होगा।
सूत्रों की मानें तो पहले के मुकाबले इस कानून की प्रतियां कम होंगी। यानी आयकर अधिनियम, 1961 में 23 अध्याय हैं। जिसमें संपत्ति कर, उपहार कर, कॉर्पोरेट कर, प्रतिभूतियों के लेन-देन से संबंधित कर और व्यक्तिगत आयकर को लेकर कानून निर्माण शामिल हैं।
अब नए आयकर अधिनियम को सरल और कम पृष्ठों की संख्या के साथ पेश किए जाने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो मौजूदा कानून में करदाताओं से संबंधित अनुपालन और कर विवाद को लेकर अनावश्यक और अप्रचलित प्रावधानों को हटाने की भी बात चल रही है।