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TDS and TCS Rule Change: 1 अप्रैल से बदलने जा रही है TDS और TCS से जुड़े ये नियम, जानिए अब क्या है डिविडेंड, मकान किराया, विदेशी लेन-देन, शिक्षा लोन और दूसरी कमाई की लिमिट

TDS and TCS Rule Change: केंद्र सरकार ने बजट में वरिष्ठ नागरिकों और मकान मालिकों को बड़ा तोहफा दिया था। इसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस कटौती को दोगुना करना शामिल है। पहले यह 50,000 रुपये था, अब इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी।

TDS and TCS Rule Change
TDS and TCS Rule Change

TDS and TCS Rule Change: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया था। इस दौरान उन्होंने मध्यम वर्ग के लोगों को आयकर में पहले के मुकाबले विशेष सुविधाएं देने की घोषणा की। जिसमें TDS and TCS Rule Change शामिल हैं। हालांकि, ये नए नियम 1 अप्रैल 2025 से वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही लागू हो जाएंगे। इनमें कर कटौती टीडीएस और टीसीएस के नए नियम प्रचलन में होंगे।

Senior Citizens और घर मालिकों को सौगात

केंद्र सरकार ने बजट में वरिष्ठ नागरिकों और मकान मालिकों को बड़ा तोहफा दिया था। इसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस कटौती को दोगुना करना शामिल है। पहले यह 50,000 रुपये था, अब इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं अगर मकान मालिकों की बात करें तो केंद्र की मोदी सरकार ने उनके लिए खास ऐलान किया है। इसमें किराये की आय पर TDS कटौती की सीमा को 2.4 लाख रुपये प्रति वित्तीय वर्ष से बढ़ाकर 6 लाख रुपये प्रति वित्तीय वर्ष करना शामिल है।

Foreign Transaction पर टीसीएस की सीमा बढ़ाई गई

मालूम हो कि विदेशी ट्रांजैक्शन पर टीसीएस की सीमा पहले के मुकाबले बढ़ा दी गई है। इसके अलावा विदेशों से ट्रांजैक्शन करने वाले लोगों के लिए आरबीआई लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत टीसीएस कटौती की सीमा भी बढ़ा दी गई है। पहले देश से बाहर से 7 लाख रुपये के ट्रांजैक्शन पर TCS कटता था, जिसे अब बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। जिससे लोगों में मोदी सरकार के प्रति खुशी देखी जा रही है।

Education Loan पर टीडीएस और टीसीएस कटौती से छूट

जानकारी हो कि शिक्षा ऋण पर टीडीएस हटा दिया गया है। साथ ही, विशिष्ट वित्तीय संस्थानों से शिक्षा ऋण प्राप्त करने पर टीसीएस कटौती भी हटा दी गई है। पहले, 7 लाख रुपये से अधिक के शिक्षा ऋण पर 0.5% टीसीएस काटा जाता था। जबकि 7 लाख रुपये से अधिक के स्व-वित्तपोषित शिक्षा लेनदेन पर 5% TCS काटा जाता था। वहीं, डिविडेंड और म्यूचुअल फंड से होने वाली आय पर भी यही सीमा है। आपको बता दें कि डिविडेंड से होने वाली आय पर TDS की सीमा 5000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है। जबकि Mutual Fund यूनिट्स से होने वाली आय पर टीडीएस की सीमा भी 55,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति वित्त वर्ष कर दी गई है।

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