Volodymyr Zelenskyy: शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच वार्ता ने उस समय अप्रत्याशित मोड़ ले लिया, जब दोनों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हुई। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की मुलाकात से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम हो जाएगा। लेकिन नतीजा इसके उलट रहा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने Volodymyr Zelenskyy पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘सौदा करो या छोड़ दो।’ ट्रंप ने ये बातें पत्रकारों की मौजूदगी में कहीं। वार्ता के दौरान दोनों राष्ट्रपतियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जिसके बाद दोनों देशों के बीच कथित समझौता नहीं हो सका। बढ़ते विवाद के साथ खत्म हुई इस बातचीत ने उन सारी उम्मीदों पर पर्दा डाल दिया है, जिनमें दोनों देशों के बीच किसी फायदे वाले सौदे के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की मजबूत पहल होती।
ट्रम्प को Third World War छिड़ने का डर
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 28 फरवरी 2025 को व्हाइट हाउस के वेस्ट विंग के ओवल ऑफिस में एक मीटिंग के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की पर गरजते हुए नज़र आए। Donald Trump ने रूस-यूक्रेन युद्ध में लाखों लोगों की जान से खेलने के लिए ज़ेलेंस्की को साफ़-साफ़ फटकार लगाई।
तीसरे विश्व युद्ध के छिड़ने की संभावनाओं का ज़िक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति की मौजूदा हरकतें बिल्कुल भी सही नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति की कार्रवाई Third World War तीसरे विश्व युद्ध को भड़का सकती हैं। इस बातचीत के वायरल वीडियो पर पत्रकार शुभांगी शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”मुझे यकीन नहीं हो रहा कि यह बातचीत कैमरे के सामने हुई। जीने का क्या ज़माना है।”
Russia Ukraine War पर व्हाइट हाउस में हंगामा
इसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की काफी नाराज नजर आए। वह महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना अचानक व्हाइट हाउस के वेस्ट विंग के ओवल ऑफिस से चले गए। मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस समझौते की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन को भविष्य में समर्थन के लिए यह शर्त पूरी करनी होगी। जिसमें यूक्रेन खनिज सौदा भी शामिल था। आपको बता दें कि ट्रंप के इस ऐलान से पहले जेलेंस्की ने अमेरिका के साथ खनिज समझौते पर सहमति जताई थी। विदेशी मामलों के जानकारों के मुताबिक यह समझौता Russia Ukraine War के बीच युद्ध विराम का रास्ता खोल सकता था। लेकिन विवाद के साथ खत्म हुई इस बातचीत में फिलहाल ये उम्मीदें दफन हो गई हैं।