रविवार, मई 12, 2024
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Uttarakhand Railway Encroachment में Supreme आदेश ने लगाई रोक, रेलवे तथा Uttarakhand Government को भी दिया नोटिस

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Supreme Court: दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राज्यों की प्रचलित उस प्रथा पर कड़ी आपत्ति जताई हैं। जिसमें अब वादकारियों से उनकी जाति या धर्म का उल्लेख नहीं करना होगा।

Uttarakhand News: सरकार के इस कदम से लाखों लोगों को मिलेगी राहत, जानें कैसे घर बैठे हो सकेगी जमीनों की रजिस्ट्री

Uttarakhand News: उत्तराखंड में वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरकार के कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दे दी गई है। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब लोग घर बैठे ही वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के तहत अपने जमीनों की रजिस्ट्री करा सकेंगे।

Uttarakhand Railway Encroachment: हल्द्वानी रेलवे अतिक्रमण केस में आज उच्चतम न्यायालय ने तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी है और 7 फरवरी तक अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने के रेलवे तथा राज्य सरकार को आदेश दिए हैं।

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में हल्द्वानी रेलवे अतिक्रमण केस में आज उच्चतम न्यायालय में सुनवाई की गई। जिसकी पैरवी स्थानीय विधायक के आग्रह पर याचिकाकर्ता पक्ष के वकील सिद्धार्थ लूथरा कर रहे थे। उच्चतम न्यायालय ने त्वरित सुनवाई करते हुए उत्तराखंड उच्चन्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है। 

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50000 लोग होंगे प्रभावित

उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट करते हुए कहा है कि रेलवे और राज्य  सरकार इस समस्या को मानवीय आधार पर हल करें। जैसा कि कांग्रेस और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने उपवास के माध्यम से मांग रखी थी। कि इस समस्या को विधिक और राजनीतिक समस्या के रूप में नहीं अपितु मानवीय समस्या के रूप मे देखकर हल करें। उसी को आधार मानते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि  इस तरह की त्वरित कार्रवाही से 50000 लोगों के मानवीय संकट का खतरा उतपन्न हो जाएगा। अतः रेलवे और राज्य सरकार को अपनी कार्रवाही को अगली सुनवाई 7 फरवरी 2023 तक रोककर यथास्थिति बनाए रखना होगा।

जानें क्या क्या हुआ उच्चतम न्यायालय में

न्यायालय ने सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति कौल ने कहा, “2 तरह के लोग हो सकते हैं। एक जिनका दावा बनता है, एक जिनका कोई दावा नहीं बनता। आपको भूमि अधिकार में लेकर विकसित करने का अधिकार है, किन्तु सबको सुनकर बीच का रास्ता निकालना चाहिए। “

न्यायमूर्ति कौल ने पूछा कि उत्तराखंड सरकार के अधिवक्ता कौन हैं ? कितनी भूमि रेलवे की है, कितनी राज्य की ? क्या वहां रह रहे लोगों का दावा लंबित है ?  न्यायमूर्ति ने आगे कहा, “इनका दावा है कि वो यहां वर्षों से रह रहे हैं।  यह उचित है कि उस जगह को विकसित किया जाना है किन्तु उनका पुनर्वास भी होना चाहिए। “

वहीं दूसरी और रेलवे की ओर से पक्ष रखने उत्तरी अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी न्यायालय में प्रस्तुत हुईं। उन्होंने रेलवे और राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि यह सबकुछ रातोंरात नहीं हुआ है और पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन हुआ है। वहीं न्यायमूर्ति कौल ने कहा “किन्तु मानवीय आधार पर इस विषय को देखना चाहिए, तब तक सुनिश्चित करें कि और कोई निर्माण न हो। “न्यायमूर्ति ने ये भी कहा कि आप अर्धसैनिक बलों की सहायता लेकर 1 सप्ताह में खाली करवाना चाहते हैं। इस पर आपको विचार कीजिए।

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Hemant Vatsalya
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Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

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