शुक्रवार, मई 17, 2024
होमख़ास खबरेंChandrayaan-3: टचडाउन के आखिरी 15 मिनट को लेकर क्यों मची है दहशत...

Chandrayaan-3: टचडाउन के आखिरी 15 मिनट को लेकर क्यों मची है दहशत ? यहां समझिए सॉफ्ट लैंडिंग की पूरी कहानी

Date:

Related stories

Chandrayaan-3: चांद पर नहीं आया था भूकंप, विक्रम लैंडर में दर्ज हुई रहस्यमयी गतिविधियों पर वैज्ञानिकों का नया खुलासा

Chandrayaan-3: ISRO ने कुछ दिनों पहले बताया था की चांद पर कुछ रहस्यमयी झटके महसूस किए गए थे। जिन्हें शुरूआती तौर पर भूकंप के झटके कहा गया था।

Chandrayaan-3: जानें अभी किस स्थिति में है Vikram Lander, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ISRO को भेजी तस्वीर, आप भी देखें

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद से लगातार मिशन से जुड़ी तस्वीरें सामने आ रही हैं। अब एक नई तस्वीर सामने आई है।

चांद पर इस जगह उतरा था Chandrayaan-3, NASA के LRO ने खींची लैंडिंग साइट की तस्वीर, आप भी देखें

Chandrayaan-3: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर ने हाल ही में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीर खींची है।

Chandrayaan-3: भारत चांद पर कदम रखने को तैयार है। आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन होने वाला है। अगर सब कुछ सही रहा तो शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 चांद पर लैंड कर जाएगा। चंद्रयान-3 को सफल बनाने के लिए ISRO (Indian Space Research Organisation) ने पिछले मून मिशन से कई सबक लिए हैं।

चंद्रयान-3 की लैंडिंग सफल रहे, इसके लिए इसमें कई तरह के बदलाव किए गए हैं। ISRO का कहना है की पिछली बार विक्रम लैंडर ब्रेक संबंधी प्रणाली में गड़बड़ी के चलते चांद पर लैंड नहीं कर पाया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

चंद्रयान-3 में किए गए 80 प्रतिशत बदलाव

ISRO के पूर्व वैज्ञानिक वाईएस राजन ने कहा कि चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) कुल मिलाकर 80 प्रतिशत बदलाव किए गए हैं। इसमें कई तरह की चींजे शामिल हैं। जैसे यह पहले उतरते समय सिर्फ ऊंचाई देखता था, जिसे अल्टीमीटर कहा जाता है। इसके अलावा अब इसमें एक वेलोसिटी मीटर भी जोड़ा गया है, जिसे डॉप्लर कहा जाता है। इससे ऊंचाई और वेग का भी पता चल जाएगा, ताकि यह खुद को नियंत्रित कर सके।

क्या है सॉफ्ट लैंडिंग का पूरा प्लान ?

ISRO अधिकारियों के मुताबिक, लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया स्वायत्त होगी, जिसके तहत लैंडर को अपने इंजन को सही समय और उचित ऊंचाई पर चालू करना होगा और उसे सही मात्रा में ईंधन का उपयोग करना होगा। इस दौरान नीचे उतरने से पहले यह पता लगाना होगा कि किसी प्रकार की बाधा या पहाड़ी क्षेत्र या गड्ढा नहीं हो।

अधिकारियों ने बताया कि 150-100 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचते ही लैंडर अपने सेंसर और कैमरों का उपयोग करके सतह को स्कैन करेगा ताकि यह जांचा जा सके कि कोई बाधा तो नहीं है और फिर वह सॉफ्ट-लैंडिंग करने के लिए नीचे उतरना शुरू करेगा।

टचडाउन के आखिरी 15 मिनट काफी अहम

चांद पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट काफी अहम माने जा रहे हैं। लैंडिंग से पहले इसकी रफ्तार और घटा दी जाएगी। अगर लैंडर की रफ्तार बहुत तेज हुई तो लैंडर दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा। इसिलिए टचडाउन के आखिरी 15 मिनट को लेकर दहशत मची हुई है।

दरअसल, चार साल पहले सात सितंबर, 2019 को चंद्रयान-2 मिशन चांद पर उतरने की प्रक्रिया के दौरान तब असफल हो गया था, जब उसका लैंडर ब्रेक संबंधी प्रणाली में गड़बड़ी कारण चांद पर क्रैश कर गया था। उस वक्त के ISRO प्रमुख ने इसे 15 मिनट का आतंक बताया था।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM  और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

Latest stories