Nitish Kumar: बिहार में करीब आठ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में हर दिन राज्य की सियासत गरमाती जा रही है। बिहार एनडीए सरकार में शामिल प्रमुख राजनीतिक दलों ने कल कैबिनेट विस्तार के जरिए कील-कांटे दुरुस्त कर लिए हैं। ज्यादातर नेताओं की राय है कि सीएम Nitish Kumar को आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाना चाहिए। हालांकि पिछले 5 महीने में गठबंधन में कई ऐसी बातें सामने आई हैं।
जिसके बाद कहा जाने लगा है कि बीजेपी ने नीतीश बाबू और उनके समर्थकों को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया है। लेकिन, खुद मुख्यमंत्री और जेडीयू सुप्रीमो इस बात से इनकार करते रहे हैं। जानकारी हो कि बीते कल Bihar Cabinet Expansion में सभी सात सीटें बीजेपी के खाते में गई हैं। यहां जेडीयू अपना दबदबा कायम रखने में पिछड़ती नजर आ रही है। इसको लेकर कहा जा रहा है कि NDA गठबंधन में पहले से इसका प्रस्ताव रहा है।
पिछले साल Nitish Kumar की नाराजगी
सूत्रों की मानें तो बिहार एनडीए गठबंधन में पिछले साल महाराष्ट्र जैसा खेल होने की संभावना थी। इसके लिए पटकथा और चरित्र भी तय हो गया था। पूरे घटनाक्रम को समझने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब के बारे में जो कुछ कहा, उस पर गौर करना होगा। सूत्रों का कहना है कि यह सच है कि गृह मंत्री द्वारा बाबा साहेब के बारे में कही गई बातों से मुख्यमंत्री Nitish Kumar काफी खफा थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें भी देखने को मिलीं। जिसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक चिट्ठी को लेकर नीतीश को गंभीर बताया जा रहा था!
अफवाहों के बाजार में यहां तक कहा जा रहा था कि Nitish Kumar लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं! इसके अलावा ना जाने उस दौरान अफवाहों के बाजार में कितनी बातें बुनी गईं। अगर हम यहां उनका जिक्र करेंगे तो शायद जगह कम पड़ जाएगी। मालूम हो कि अफवाहों के बाजार वाली बातों में यहां विस्मयादिबोधक चिह्न का इस्तेमाल किया गया है। आपके लिए यह समझना भी जरूरी है कि ऐसा क्यों हुआ?
Nitish की सहमति से मंत्रिमंडल का विस्तार
कल के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा सूत्रों ने कहना शुरू कर दिया है कि अतीत को पीछे छोड़ दें तो बिहार की जातिगत और राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर भारतीय जनता पार्टी के अंदर किसी भी तरह का कोई संशय नहीं है। वह बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का चेहरा हैं और आगामी चुनाव में भी वही रहेंगे। सूत्रों का दावा है कि JDU का एक प्रतिशत भी नेता BJP की वजह से NDA गठबंधन छोड़ने का इरादा नहीं रखता है। इसके प्रमाण के तौर पर वे कल के मंत्रिमंडल विस्तार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति की बात दोहराते हैं। हां, यह जानने लायक बात है कि ये सारी बातें भाजपा सूत्रों के हवाले से कही गई हैं।
मंत्रिमंडल में JDU मंत्रियों की संख्या घटी
मालूम हो कि बिहार में बीते कल हुए मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए एनडीए गठबंधन के नए मंत्रियों में जाले से जीवेश मिश्रा, दरभंगा से संजय सरावगी, सिकटी से विजय कुमार मंडल, बिहारशरीफ से सुनील कुमार, साहेबगंज से राजू कुमार सिंह, रीगा से मोतीलाल प्रसाद और अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। यह सच है कि इस Bihar Cabinet Expansion के जरिए बीजेपी ने बिहार के जातीय समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है।
यहां बता दें कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में तीन पिछड़ा, दो अत्यंत पिछड़ा और दो सवर्ण विधायकों को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें वैश्य समुदाय से भी दो मंत्री बनाए गए हैं। इसके साथ ही अब Nitish मंत्रिमंडल में कुल 36 मंत्री हो गए हैं। वहीं कल तक ‘बड़े भाई’ की भूमिका में सत्ता में रही जेडीयू की भूमिका नए मंत्रिमंडल विस्तार ने बिहार की सियासत में बदलाव ला दिया है। सबूत के तौर पर बिहार मंत्रिमंडल में JDU के मंत्रियों की संख्या बीजेपी से कम हो गई है।
Bihar CM Face को ले नीतीश कुमार के बेटे की मांग
अब सूत्रों ने दावा करना शुरू कर दिया है कि आने वाले समय में यह एक नए समीकरण को जन्म दे सकता है। खबर लिखे जाने तक बिहार NDA में प्रमुख दल बीजेपी अभी भी नीतीश कुमार को अगला मुख्यमंत्री चेहरा बता रही है। लेकिन अचानक कैबिनेट में नीतीश की पार्टी जेडीयू की घटती संख्या इसके विपरीत नजर आने लगी है। वहीं हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार का बड़ा बयान सामने आया था। जिसमें उन्होंने मांग की थी कि उनके पिता नीतीश कुमार को आगामी चुनाव में एनडीए का आधिकारिक Bihar CM Face घोषित किया जाए।
इसके बाद बीजेपी की ओर से प्रतिक्रिया दी गई थी। जिसमें बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने कहा था कि, “नीतीश कुमार ही चेहरा हैं। इसमें कोई शक है क्या?” इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे Nishant Kumar का दर्द भी छलका था। जब वह यह कहते नजर आए कि पिछले विधानसभा चुनाव में JDU को 43 सीटें मिलने के बावजूद उनके पिता विकास की कहानी को आगे बढ़ाते रहे। इस विधानसभा चुनाव में निशांत ने बिहार की जनता से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पहले से ज्यादा सीटें जिताने की अपील की है।
निशांत के बयान पर Bihar में सियासी हलचल
निशांत कुमार की कही गई हर बात को बारीकी से देखने के बाद राजनीतिक जानकार यह मानने लगे हैं कि आने वाले दिनों में Nitish Kumar एनडीए में बराबरी का हक चाहेंगे, इसमें कोई शक नहीं है। वहीं सूत्रों का दावा है कि अगर बीजेपी नीतीश कुमार की सोच के उलट कोई नया कदम उठाती है तो बिहार में बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिलेगा। हालांकि जेडीयू सूत्रों का मानना है कि CM नीतीश कुमार को मंत्रिमंडल में पार्टी की कम या ज्यादा सीटों की कभी चिंता नहीं रही, बल्कि वह चाहते हैं कि मौजूदा सरकार Bihar के विकास के क्षेत्र में काम करती रहे। सूत्रों का यह भी मानना है कि फिलहाल बीजेपी बिहार में अपनी क्षमता को मजबूत कर रही है। इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं- सूत्र।