Premanand Maharaj: उत्तराखंड में हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश, गंगोत्री तक गंगा तट पर उमड़ती भीड़ पवित्र नदी के प्रति लोगों की आस्था दर्शाने को काफी है। महाकुंभ के दौरान या अन्य कई अवसरों पर लाखों की संख्या में हमने लोगों को आस्था की डुबकी लगाते देखा है। पर बड़ा सवाल है कि गंगा स्नान के दौरान लोगों के मन में क्या भाव आता है। क्या गंगा स्नान से सारे पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं? प्रेमानंद महाराज ने इस सवाल पर खुलकर बात की है और बड़े राज से पर्दा हटाया है। इसके साथ ही गुरु Premanand Maharaj ने उन खास नुस्खों के बारे में बात की है जिनकी मदद से गरीबी दूर की जा सकती है और श्रद्धालुओं को शीतलता मिल सकती है। तो आइए हम आपको गंगा स्नान को लेकर गुरु प्रेमानंद महाराज द्वारा की गई टिप्पणी के बारे में बताते हैं।
गंगा स्नान से जुड़े सवाल पर गुरु Premanand Maharaj ने खोला राज!
ये एक ऐसा सवाल है जो कभी न कभी आपके मन में भी आया होगा। क्या सच में गंगा स्नान से सारे पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं? प्रेमानंद महाराज ने इस सवाल का बेबाकी से जवाब दिया है। गुरु प्रेमानंद का कहना है कि “हां इसमें कोई संशय नहीं है कि गंगा स्नान से पाप नष्ट होते हैं। स्नान तो बहुत दूर की बात है, अगर 400 कोस दूर से गंगा-गंगा-गंगा ऐसा कोई बोल दे तो, निष्पाप होने लगता है। कल्पतरु आपकी गरीबी का नाश करता है और चंद्रमा ग्रीष्मता का नाश करके शीतलता देता है। गंगा पाप का नाश करके पुण्यमय बना देती है। यह तो पक्का बात है कि गंगा स्नान से पाप नष्ट होते हैं, पर पाप की प्रवृत्ति नहींय़ इसीलिए लाभ नहीं मिलता है।”
भजनमार्ग के यूट्यूब चैनल से जारी वीडियो में गुरु Premanand Maharaj आगे कहते हैं कि “भगवान के भजन से पाप की प्रवृत्ति का नाश हो जाता है। अध्यात्म भजन के द्वारा जब तक चित्त भगवान में नहीं जोड़ोगे, तो गंगा नहा के आए और फिर पाप कर लिया तो लाभ क्या मिला। हाथी स्नान करके आया और स्वर्ण में रज लिया, ऊपर डाल लिया तो स्नान का मतलब क्या रहा? गंगा नहा के आए फिर पाप कर लिया, फिर गंगा नहाए और फिर पाप कर लिया तो वो बस वैसे ही है स्नान किया और लौट गए धूल में। पाप की प्रवृत्ति का नाश भगवान के नाम जप करने से होता है।”
भारत में गंगा स्नान को लेकर है तमाम तरह की मान्यताएं
अध्यात्मिक गुरु Premanand Maharaj ने साफ तौर पर हामी भर दी है कि गंगा स्नान से पाप नष्ट होते हैं। इसके अलावा गरीबी दूर होती है और शीतलता मिलती है। इससे इतर भी गंगा स्नान को लेकर कई ऐसी मान्यताएं हैं जो संपूर्ण भारतवर्ष में व्याप्त हैं। वाराणसी के घाटों से लेकर मिरजापुर में मां विन्ध्यवासिनी देवी के तट पर स्थित गंगा घाट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाने के कई फायदे बताए जाते हैं। वहीं उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री, जोशीमठ आदि समेत अन्य कई जगहों से होकर गुजरने वाली पवित्र गंगा नदी में लोग तमाम तरह की पौराणिक मान्यताओं को मानते हुए आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बनते हैं।