Baba Ramdev: सुप्रीम कोर्ट से बाबा रामदेव को बड़ी राहत मिली है दरअसल उन पर भ्रामक विज्ञापन जारी कर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया था। ऐसे में भारतीय चिकित्सा संघ ने SC का दरवाजा खटखटाया था लेकिन कोर्ट का फैसला बाबा रामदेव की पतंजलि के हित में रहा। इस पर बड़ा फैसला सुनाया गया। वहीं सबके बीच Baba Ramdev ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक Video शेयर करते हुए इस पर कड़ी टिप्पणी दी है। उन्होंने कहा है कि लगभग 5 साल के बाद उन्हें राहत मिली है और अब वह खुलकर बोल पाएंगे।
वेट लॉस को लेकर बाबा रामदेव ने किया दावा
Baba Ramdev ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा सुप्रीम कोर्ट का केस खत्म #जस्टिस #पतंजलि #न्याय। इस वीडियो में बाबा रामदेव यह कहते हुए नजर आते हैं की तमन्ना कि तमन्ना भी पूरी हो गई। इस दौरान बाबा रामदेव यह बताते हैं कि कैसे एक लड़की 97 से 90 किलो की हो गई वह भी सिर्फ 5 दिनों में। वह योग करके फिट हो रही है और यह भी दावा किया गया कि लड़की को सिरोसिस था जो अब ठीक हो रहा है।
SC के फैसले पर Baba Ramdev दिखे कॉन्फिडेंट
बाबा रामदेव Video में कहते हैं कि हमने उड़ा रखी थी इतनी बड़ी पतंग योग आयुर्वेद की कुछ लोग इसे काटने में लगे पड़े थे। सुप्रीम कोर्ट ने उस केस को ही काट दिया। 5 साल के बाद हमें खुलकर बोलने का मौका मिला। सत्यमेव जयते यह SC का वाक्य है। करोड़ों लोगों कह रहे हैं कि हमारा वजन कम हो गया हमारी बीपी ठीक हो गई हमारा शुगर ठीक हो गया और वहां कितना बड़ा झूठ बोला गय। 5 साल से झूठ बोल रहे थे सुप्रीम कोर्ट कैसे आयुर्वेद को बंद कर सकता है लोगों का भला हो रहा है आयुर्वेद सदियों से है सुप्रीम कोर्ट कैसे बंद कर देगा लेकिन अब तो केस खत्म हो गई।
बाबा रामदेव का फूटा गुस्सा
वहीं Baba Ramdev आगे कहते हैं रोज भ्रम पैदा करते थे योग आयुर्वेद को बदनाम करते थे। सारे ड्रग माफिया मेडिकल माफिया सबकी बोलती बंद हो गई। अब बैक टू योग बैक टू आयुर्वेद बैक टू सनातन से जुडो। अपने जड़ों से जुड़ जाओ। SC ने भी पापी लोग, दुष्ट लोग, राक्षस लोग जो देवासुर संग्राम धर्म युद्ध बना रखा था। योग आयुर्वेद को बदनाम करते थे उन पर झूठे आरोप लगाते थे उनका पर्दाफाश हो गया 5 साल तो जरूर लगे लेकिन सत्यमेव जयते।
आखिर किस मामले में मिली बाबा रामदेव को बड़ी राहत
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट में भारतीय चिकित्सा संघ द्वारा दायर किए गए याचिका को खारिज कर दिया जिसमें पतंजलि पर भ्रामक विज्ञापन देने और एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति को बदनाम करने का आरोप लगाया गया था। SC ने अपने फैसले में कहा है कि आयुर्वेदिक दवाई बनाने वाली कंपनियों को विज्ञापन करने से पहले राज्य से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। यह बड़ा फैसला फिलहाल चर्चा में है जिस पर बाबा रामदेव में भी रिएक्ट किया है।