रविवार, दिसम्बर 14, 2025
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Heart Attack से हर दिन जा रही 5000 से ज्यादा भारतीयों की जान, जानिए एक्सपर्ट से रेड अलर्ट और कैसे रिस्क को करें कम

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Heart Attack: क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक से हर मिनट 4 भारतीय की जाने जा रही हैं। ऐसे में शुरुआती लक्षणों को पहचानने से लेकर हार्ट अटैक आने पर आखिर क्या करें। इसे लेकर एक पोस्ट शेयर किया गया है जो आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। thecardiologydoc एक्सपर्ट द्वारा शेयर किए गए इस पोस्ट को देखकर शायद आप अपनों की जान बचा सकते हैं जिन्हें हार्ट अटैक आया हो ऐसे में आखिर शुरुआती लक्षण क्या होते हैं और क्या करने से इस दौरान बचने की सलाह दी जाती है। इस सब को जानने के लिए आइए जानते हैं क्या कहा है एक्सपर्ट ने।

आखिर क्या होता है हार्ट अटैक जिससे हर मिनट रिस्क पर है जान

एक्सपर्ट द्वारा शेयर किए गए इस पोस्ट में बताया गया कि हार्ट अटैक के दौरान हर एक मिनट मायने रखता है। जब आपके हृदय को ठीक तरीके से रक्त नहीं मिल पाता है और नली में रुकावट आ जाती है तो हार्ट अटैक का खतरा होता है। कोलेस्ट्रॉल फ्लॉक के फटने और थक्का जमा होने की वजह से इसका खतरा होता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक हर मिनट 4 भारतीयों की जान हार्ट अटैक से जाती है ऐसे में एक दिन में 5000 से ज्यादा जान जा रही है।

हार्ट अटैक के क्या होते हैं लक्षण और क्या करें आप

हार्ट अटैक से आप बच सकते हैं अगर आप चेतावनी और संकेत को पहचान जाए। इस दौरान सीने में दर्द या भारीपन हो सकता है। दर्द हाथ से लेकर जबड़े, गर्दन या पीठ तक फैल सकता है। पसीना आना, मतली सांस फूलना, चक्कर आना घबराहट जैसी चीज होने पर आप तुरंत सतर्क हो जाए क्योंकि यह शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक आप एस्प्रिन की गोली ले सकते हैं। ऐसे में हार्ट अटैक के मरीज को सहज महसूस कराएं। आप उन्हें सीधा ना लेटाएं बल्कि आधा झुका कर लिटा दे। कपड़े को लूज करें और ताजी हवा आने दे।

इन चीजों से हार्ट अटैक के दौरान बचें

इतना ही नहीं एक्सपर्ट ने यह भी बताया कि कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर होता है। कार्डियक टेस्ट होने पर सीपीआर से जान बचाई जा सकती है। यह कहा कि इस एसिडिटी समझकर घंटों इंतजार करने से बच्चे और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सोडा या दर्द निवारक दवाइयां देने से बचें। छाती की मालिश ना करें। डॉक्टर के मुताबिक 70% भारतीय मरीज अस्पताल देरी से पहुंचते हैं।

Disclaimer: यह लेख और इसमें दी गई चिकित्सीय परामर्श केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से किसी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इस लेख में बताए गए तरीकों और दावों को केवल सुझाव माना जाना चाहिए; डीएनपी इंडिया हिंदी न तो इनकी पुष्टि करता है और न ही खंडन करता है। ऐसे किसी भी सुझाव/उपचार/दवा/आहार का पालन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।

Anjali Wala
Anjali Walahttp://www.dnpindiahindi.in
अंजलि वाला पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, अंजलि DNP India वेब साइट में बतौर Sub Editor काम कर रही हैं। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है।

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