Memory Loss: अक्सर हम चीजों को रखकर भूल जाते हैं। कभी-कभी कुछ चीज हम कर तो लेते हैं लेकिन हमारे दिमाग में यह कंफ्यूजन होता है कि हमने यह किया है या नहीं। कभी-कभार ये परेशानियां आपके दिमाग पर कुछ इस कदर हावी हो जाती है कि मेडिकल ट्रीटमेंट तक लेने के लिए पहुंच जाते हैं। एम्स की डॉक्टर प्रियंका सेहरावत ने एक वीडियो को शेयर करते हुए बताती है कि 24 साल का एक लड़का उनके पास आता है और वह बताता है कि वह चीजों को रखकर भूल जाता है। उसे डिमेंशिया तो नहीं है। अगर आप भी इस बात को लेकर कन्फ्यूज है तो आइए जानते हैं एक्सपर्ट से कि आखिर विटामिन की कमी के साथ क्या है Memory Loss की ये परेशानी की वजह और इस दौरान क्या करें।
यंग एज में मेमोरी लॉस की ये परेशानी नहीं है डिमेंशिया
डॉ प्रियंका सेहरावत ने इस वीडियो में लोगों को यह बताया कि डिमेंशिया 30,20 और 40 की उम्र में नहीं होता है। यह यंग एज में नहीं होता है। अगर आप भी यह Memory Loss की आदत को डिमेंशिया समझने की गलती कर रहे हैं तो इस बारे में एक्सपर्ट बताती हैं कि इसकी वजह Vitamin बी 12 की कमी के साथ ये चीजें भी हो सकती है।
यंग उम्र में Memory Loss की क्या हो सकती है वजह
कंसंट्रेशन कम होना भी है वजह
डॉ प्रियंका बताती हैं कि कंसंट्रेशन कम होना इसकी वजह हो सकती है। अगर आप एक साथ कई चीजे कर रहे हैं। आपके दिमाग में कुछ और चल रहा है और आप कर कुछ और रहे तो यह मेमोरी इशू की वजह हो सकती है।
विटामिन B12 डिफिशिएंसी भी है वजह
Vitamin B12 डिफिशिएंसी भी इसकी वजह बन सकती है और ऐसे में आप चीज भूलने लग जाएंगे। अगर आपके शरीर में विटामिन B12 की कमी हो जाती है तो ऐसे में अपनी डाइट का खास ख्याल रखें और समय रहते एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें।
थाइरॉएडिज्म का तो नहीं है चक्कर
थकान, वजन बढ़ना, ठंड लगना, कब्ज और डिप्रेशन हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण है और यह कहीं ना कहीं मेमोरी इशू की भी वजह बन सकती है। ऐसे में इस बात का खास ख्याल रखें कि आप अपने थाइरॉएडिज्म लेवल को जांच करते रहे।
किस तरह से आप शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस से पा सकते हैं निजात
एम्स की एक्सपर्ट बताती हैं कि 24 साल के लड़के को जो परेशानी होती है वह आम तौर पर कई लोग को देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में आप क्या करें इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आपको फोकस बनाकर रखने की जरूरत पड़ेगी। आप जो भी काम कर रहे हैं उस पर ध्यान को केंद्रित करें। इसके अलावा एक साथ कई कामों को करने से जहां तक हो सके बचें नहीं तो इससे आपके दिमाग पर ज्यादा असर पड़ेगा। मेडिटेशन आपको इस दौरान मदद कर सकता है तो इसके अलावा थाइरॉएड की जांच नियमित तौर पर करवानी जरूरी है।