Premanand Maharaj: गुरु प्रेमानंद महाराज के दरबार में ऐसे कई सवाल आते हैं जिनको लेकर लोगों के भीतर एक अलग उत्सुक्ता होती है। प्रेमानंद महाराज के अनुयायी अपने सवालों के उनके समक्ष रख उनसे त्वरिक जवाब चाहते हैं। ऐसे ही एक अनुयायी ने गुरु प्रेमानंद के दरबार में आवश्यक प्रश्न पूछा। अनुयायी का सवाल था कि “ऐसे वस्तु जिन पर भगवान का नाम अंकित हो उसकी खरीदारी करने के बाद क्या करें? क्या भगवान का नाम अंकित किया हुआ सामान खरीदना चाहिए?” इस सवाल का जवाब Premanand Maharaj ने बड़े ही तार्किक अंदाज में दिया है जिसे सुन आपके मन से इस सवाल से जुड़े सभी भ्रम खत्म हो जाएंगे।
भगवान का नाम लिखे सामान की खरीदारी करने वाले सुनें Premanand Maharaj की बात
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि “ऐसे सामान नहीं लेना चाहिए जिसमें भगवान का नाम लिखा हो। यदि ऐसे सामान खरीद लेते हो तो उस भगवान के नाम वाला हिस्सा कैची से काट कर पवित्र स्थान में समाधि दे दो। जैसे गंगा किनारे, यमुना किनारे या किसी सरोवर के किनारे। लोग आजकल विद्वान बनते हैं और भगवान का नाम, गुरु का रूप और भगवान के रूप सामानों पर छाप देते हैं। इसके बाद उन साामनों को बाद में नालियों में फाड़ के फेंका जाता है। जिस पोस्टर पर गुरु की छवि, भगवान की छवि थी, उसे नालियों में फेंक दिया जाता है। ये अपराध नहीं तो क्या है। आप सनातन धर्म के देवी-देवता के रूप का आदर करना सीखें।”
गुरु प्रेमानंद महाराज द्वारा कही गई इन बातों का रखें विशेष ध्यान!
गुरु Premanand Maharaj कहते हैं कि “भगवान एक सिंहासन पर विराजमान है। जूता पहनकर निकल रहा व्यक्ति पोस्टरों को कुचलते निकल जाता है। लोग राधा-कृष्ण के फोटो फाड़ के फेंक देते हैं। कौन अब उन्हें संभाल के देखता है। आप उन तस्वीरों को पवित्र जगह में समाधि दे दो। शादी के कार्डों में भी भगवान की छवि नहीं छापनी चाहिए, क्योंकि लोग इसका अपमान करते हैं। पहले तो इसे निमंत्रण कार्ड समझा जाता है और फिर बाद में वो रद्दी कागज की तरह हो जाता है। इस स्थिति में भगवान का अपमान होता है जो कि हमें नही करना चाहिए।”